National Pollution Control Day 2022: 2 और 3 दिसंबर की दरमियानी रात भोपाल के इतिहास में एक काली रात के रूप में दर्ज है। 38 साल पहले 2 दिसंबर 1984 को भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने (यूसीआईएल) से जहरीली गैस का रिसाव हुआ। यह भारत की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदा थी। इस कीटनाशक कारखाने से निकलने वाली मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) नाम की गैस के कारण 15 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई और 5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए। हालांकि सरकारी आंकड़े में तीन हजार मौत की बात ही कही गई, लेकिन गैस त्रासदी के दुष्परिणाम तीसरी और चौथी पीढ़ी भी भुगत रही है। प्रभावित इलाकों में अब भी कई बच्चे जन्मजात विकृतियों के साथ पैदा होते रहे हैं। अब भी हादसे से प्रभावित कई लोग उचित मुआवजे की राह देख रहे हैं। बाकी लोगों के लिए जीवन आगे बढ़ गया, लेकिन गैस त्रासदी के प्रभावितों की पीढ़ियां जैसे एक दर्द के साये में ठहर गई है।
भोपाल गैस त्रासदी को याद करते हुए और हमारे पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए ही हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है। लोगों को जहरीली हवा के कारण नुकसान न हो और उनकी जान पर इससे किसी तरह का खतरा न रहे, यही जागरूकता फैलाने का प्रयास होता है। आज के दिन वायु प्रदूषण (Air Pollution) को रोकने और अपने पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने की चेतना फैलाने का दिन है। ये बहुत चिंता वाली बात यह है कि दुनियाभर में 10 में से 9 लोग प्रदूषित हवा में सांस लेने को विवश हैं। दुनिया भर में लोग सांस से जुड़ी बीमारी, फेफड़ों का कैंसर, ब्रेन या किडनी और दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसके पीछे कहीं न कहीं प्रदूषण एक मुख्य वजह है।