भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में अगस्त से कॉलेज खोले जाएंगे, इसके पहले उच्च शिक्षा विभाग(Higher Education Department) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर फोकस करना शुरु कर दिया है।उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम निर्माण और संरचनात्मक परिवर्तन करते समय इस बात पर जोर दिया जाए कि विद्यार्थी रोजगार, स्व-रोजगार की दृष्टि से क्षमता विकसित करें तथा डिग्री करने के बाद किसी एक विधा में दक्षता हासिल करें।
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दरअसल, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज मंत्रालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रस्तावित चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) पर चर्चा के लिए आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम निर्माण किया जा रहा है। आगामी अकादमिक वर्ष से इसे प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों (Student) के लिए लागू किये जाने की योजना है। प्रस्तावित CBCS में जो भी व्यावहारिक सुझाव होंगे वह सभी जोड़े जाएंगे। सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इसे तैयार किया जाएगा।
उच्च शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मध्य प्रदेश में लागू करने के लिए देश में सबसे पहले टास्क फोर्स गठित की है। नीति को लागू करने के लिए रोडमेप तैयार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम प्रस्तावित है। इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मंशा के अनुरूप विद्यार्थी को अपनी पसंद के पाठ्यक्रम चुनने की आजादी दी गई है। वह अपने 3 कोर पाठ्यक्रमों को पढ़ते हुए पसंद के वैकल्पिक विषय भी चुन सकते हैं।
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इसके अलावा इसमें विद्यार्थियों के कौशल विकास पर फोकस किया गया है। विद्यार्थी अपने कोर विषयों के अतिरिक्त अन्य संकाय के विषय भी पढ़ सकते हैं। उनकी दक्षता को बढ़ाने के लिए एबिलिटी एनहांसमेंट कोर्स भी होंगे। अभी सीबीसीएस को वार्षिक परीक्षा पद्धति के आधार पर ही प्रस्तावित किया गया है, जिसमें अंकों की जगह विद्यार्थी को क्रेडिट प्रदान किए जाएंगे। परीक्षा परिणाम में ग्रेड दी जाएगी। UGC द्वारा प्रस्तावित सीबीसीएस के अनुरूप ही इसे तैयार किया जा रहा है।