MP College : कॉलेज खुलने से पहले विभाग का बड़ा फैसला, इन छात्रों को मिलेगा लाभ

Pooja Khodani
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College higher education department

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में 15 सितंबर से कॉलेज खुलने (MP College Reopen) जा रहे है, इससे पहले उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) ने कॉलेज छात्रों के लिए बड़ा फैसला किया है। इसके तहत अब कॉलेजों में हिंदू धर्म की पढ़ाई करवाई जाएगी। इसके तहत भगवान राम, हनुमान और तुलसीदास की जीवनी छात्र पढ़ेंगे और वेद उपनिषद और पुराणों की भी शिक्षा दी जाएगी।

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दरअसल, उच्च शिक्षा विभाग ने नई शिक्षा नीति के तहत बीए फर्स्ट इयर के दर्शनशास्त्र में नया पाठ्यक्रम जोड़ा है। यह विषय बीए के छात्रों (MP College Student)  को वैकल्पिक विषय के तौर पर पढ़ाया जाएगा।खास बात ये है कि यह इसी सत्र से नई शिक्षा नीति 2020 (New Education Policy 2020) के तहत नया पाठ्यक्रम लागू होगा। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव (MP Higher Education Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि लोगों ने रामसेतु तोड़ने की साजिश की थी।भविष्य में बुरी शक्तियां धर्म को नुकसान ना पहुंचा पाए, इसलिए जरूरी है नैतिक और धार्मिक शिक्षा का ज्ञान छात्रों को दिया जाए।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मध्य प्रदेश में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत अब कॉलेजों के नए पाठ्यक्रम के अनुसार अब बीए के फर्स्ट ईयर के छात्रों को महाभारत, रामचरितमानस, योग और ध्यान के बारे में पढ़ाया जाएगा, इसके लिए श्री रामचरितमानस अप्लाइड फिलॉसफी को वैकल्पिक विषय के रूप में रखा गया है। अंग्रेजी के फाउंडेशन कोर्स में फर्स्ट ईयर के छात्रों को सी राजगोपालचारी की महाभारत की प्रस्तावना पढ़ाई जाएगी। वही अंग्रेजी और हिंदी के अलावा, योग और ध्यान को भी तीसरे फाउंडेशन कोर्स के रूप में पेश किया गया है, जिसमें ‘ओम ध्यान’ और मंत्रों का पाठ शामिल है।

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो  इसके अलावा श्री रामचरितमानस के तहत अध्यायों में ‘भारतीय संस्कृति के मूल स्रोतों में आध्यात्मिकता और धर्म’ जैसे विषय के साथ ‘वेदों, उपनिषदों और पुराणों में चार युग’; ‘रामायण और श्री रामचरितमानस के बीच अंतर’ और ‘दिव्य अस्तित्व का अवतार’ को भी पढ़ाया जाएगा। विषय व्यक्तित्व विकास और मजबूत चरित्र के बारे में भी पढ़ाएगा,भगवान श्री राम अपने पिता के कितने आज्ञाकारिता थे, ये भी बताया जाएगा।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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