भोपाल। राज्य सरकार भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसरों के ताबड़तोड़ तबादला आदेश जारी कर रही है। तबादला आदेश में वरिष्ठता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। शनिवार देर शाम जारी आदेश में सीनियर आईएएस की पदस्थापना 4 से 5 साल जूनियर अफसरों के नियंत्रण में की गई है। वरिष्ठ अधिकारी जूनियर अफसरों को रिपोर्ट देंगे। इससे अधिकारियों के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है। अभी तक अफसरों की पदस्थापना में वरिष्ठता का ध्यान रखा जाता रहा है। लेकिन फिलहाल सरकार आंख बंद करके तबादला आदेश जारी करने में लगी है।
पिछले दिनों भोपाल कलेक्टर से हटाकर मंत्रालय में अपर सचिव बनाए गए 2006 बैच के आईएएस सुदाम खाड़े को मप्र सड़क विकास निगम में महाप्रबंधक कार्मिक पदस्थ किया है। जबकि सड़क विकास निगम में जीएम कार्मिक से बड़ा पद सीजीएम कार्मिक भी है। कुछ समय पहले तक इस पद पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रत्नाकर झा पदस्थ थे। खास बात यह है कि झा भोपाल एडीएम के रूप में सुदाम खाड़े के नियंत्रण में काम कर चुके हैं।
इसी हफ्ते धार कलेक्टर से हटाकर मंत्रालय में उपसचिव बनाए गए दीपक सिंह को शनिवार को जारी आदेश में स्मार्ट सिटी परियोजना में सीईओ बनाया गया है। सिंह 2007 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। स्मार्ट सिटी सीईओ के रूप में उन्हें नगर निगम आयुक्त भोपाल को रिपोर्ट करनी होगी। निगम आयुक्त विजय दत्ता 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। राज्य सरकार द्वारा आईएएस अधिकारियों के आंख बंद कर किए जा रहे तबादलों से आईएएस अफसरों में खासी नाराजगी है।