‘वन नेशन वन इलेक्शन’ प्रस्ताव को मंजूरी : बीजेपी नेता आशीष अग्रवाल ने कहा ‘भाजपा जो कहती है उसे करके रहती है’

वन नेशन, वन इलेक्शन (एक राष्ट्र, एक चुनाव) का मतलब है कि पूरे देश में लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएं। इसका उद्देश्य है कि देश में बार-बार होने वाले चुनावों से बचा जा सके, जिससे प्रशासनिक और वित्तीय संसाधनों की बचत हो सके और विकास कार्यों में कोई बाधा न आए।अभी भारत में अलग-अलग समय पर चुनाव होते हैं और अक्सर किसी न किसी राज्य में चुनाव रहते हैं। पीएम मोदी का कहना है कि इससे देश का विकास बाधित होता है।

Ashish Agarwal

One Nation One Election : ‘भाजपा जो कहती है उसे करके रहती है’ ये कहा है बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने। मोदी सरकार द्वारा ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ प्रस्ताव को मंजूरी दे दिए जाने के बाद उन्होंने ये बात कही। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट के बाद इसे अब कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।

बता दें कि एक देश एक चुनाव योजना देशभर में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एकसाथ कराने का प्रावधान करती है। सूत्रों के अनुसार अब इस प्रस्ताव पर आधारित विधेयक को आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य चुनावी खर्च और प्रक्रिया को सरल बनाना है, हालांकि इसके कार्यान्वयन में संवैधानिक और व्यावहारिक चुनौतियाँ भी सामने आ सकती हैं, जिनके समाधान के लिए आवश्यक कानूनी संशोधन किए जाएंगे।

वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी 

आज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने ऐतिहासिक ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक राष्ट्र, एक चुनाव) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह प्रस्ताव भारत की राजनीतिक और चुनावी प्रणाली में एक बड़ा सुधार लाने का प्रयास है, जिसके तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएंगे। ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जाएं, चाहे वह केंद्र के लिए हो या राज्य सरकारों के लिए।

आशीष अग्रवाल ने कही ये बात

इस प्रस्ताव को मंज़ूरी मिलने के बाद अब प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने एक्स पर लिख है कि ‘भाजपा जो कहती है उसे करके रहती है। वन नेशन वन इलेक्शन को माननीय पीएम श्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में कैबिनेट की स्वीकृति मिलना स्वाधीन भारत के सबसे अहम फैसलों में से एक है। अब देश में बार-बार चुनाव से तो मुक्ति मिलेगी ही देश के संसाधनों पर बोझ भी कम होगा।’

बता दें कि सरकार ने इसे एक क्रांतिकारी कदम बताया है लेकिन विपक्षी दल इस प्रस्ताव को लेकर संशय में हैं। कांग्रेस ने कहा है कि एनडीए के लिए ये लागू कर पाना मुमकिन नहीं है और इसे लागू करने के लिए संविधान में कम से कम पाँच संशोधन करने होंगे और पीएम मोदी के पास इसके लिए पर्याप्त संख्या नहीं है। अब प्रस्ताव को मंज़ूरी मिलने के बाद अगला पड़ाव ये होगा कि विधेयक संसद में पेश किया जाएगा और उसपर व्यापक चर्चा की जाएगी और इसी के बाद कोई फैसला होगा।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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