भोपाल/नई दिल्ली।
नव निर्वाचित सांसद साध्वी प्रज्ञा ने भले ही लाखों वोट से कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय को हराकर जीत हासिल कर ली हो लेकिन वे अबतक नाथूराम गोड़से वाले बयान को लेकर पीएम मोदी की नाराजगी दूर नही कर पाई है।इसका ताजा उदाहरण शनिवार को संसद में देखने को मिला, जहां प्रचंड जीत की बधाई देने पहुंची साध्वी को देख मोदी ने मुंह फेर लिया जबकी बाकी सांसदों से हाथ मिलाकर हंसते हुए नजर आए।इस दौरान किसी ने इस दृश्य का फोटो ले लिया जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
दरअसल, शनिवार को पहली बार सभी नव निर्वाचित सांसद संसद पहुंचे जहां उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का नेता चुना।इसके बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वहां मौजूद सभी सांसदों ने बधाई दी। इस दौरान एक तस्वीर पूरे समय चर्चा में बनी रही जब पीएम मोदी ने भोपाल से नवनिर्वाचित सांसद साध्वी प्रज्ञा को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया। मीडिया में आई खबरों के अनुसार जैसे ही साध्वी ने उन्हें प्रणाम किया, मोदी ने हाथ जोड़े लेकिन मुंह फेर लिया और उन्हें आगे बढ़ने को बोल दिया।ऐसा लगता है कि मोदी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को दिल से माफ नहीं किया है। अगर किया होता तो शनिवार को संसद के सेंट्रल हॉल में उन्हें बधाई देने के लिए आगे बढ़ी साध्वी को पीएम मोदी ने आगे बढ़ने का इशारा नहीं किया होता।अब यह फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसकी चारों और चर्चा हो रही है।
आडवाणी ने दिया आर्शीवाद
दूसरी तरफी पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आ़डवाणी ने साध्वी को दुलार दिया है। पीएम मोदी ने जैसे ही साध्वी को आगे बढ़ने का इशारा किया वो आगे बढ़ गईं। उनके ठीक आगे लालकृष्ण आडवाणी खड़े थे। साध्वी जैसे ही उनके पास पहुंची और हाथ जोड़ी तो उन्होंने सिर पर हाथ रखकर आर्शीवाद दिया। उसके बाद साध्वी मुरली मनोहर जोशी से भी आर्शीवाद लेते हुए आगे बढ़ गईं।
इसलिए है साध्वी से पीएम मोदी नाराज
बीते दिनों साध्वी द्वारा महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान पर प्रधानमंत्री मोदी नाराज हो गए थे। उन्होंने इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए एक निजी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में कहा था कि कि भले ही साध्वी ने इस मुद्दे पर माफी मांग ली हो, लेकिन वह उन्हें अपने मन से कभी माफ नहीं कर पाएंगे।पीएम मोदी ने कहा था कि महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे को लेकर जो भी बातें की गईं हैं, वो भयंकर खराब है। ये बातें पूरी तरह से घृणा के लायक हैं, सभ्य समाज के अंदर इस प्रकार की बातें नहीं चलती हैं। भले ही इस मामले में उन्होंने माफी मांग ली हो, लेकिन मैं अपने मन से उन्हें कभी भी माफ नहीं कर पाऊंगा।जिसकी नाराजगी शनिवार को भी संसद मे देखने को मिलीं।
क्या था साध्वी प्रज्ञा का बयान
बता दे कि बीते दिनों चुनाव प्रचार के दौरान नवनिर्वाचित सांसद साध्वी प्रज्ञा ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को सबसे बड़ा देशभक्त बताया था। साध्वी ने कहा था कि गोड़से देशभक्त थे और जो लोग उन्हें आतंकवादी कहते हैं, वे अपने गिरेबां में झांककर देखें।इसको लेकर खूब बवाल भी मचा था, जिसके बाद भाजपा ने तत्काल इस बयान से पल्ला झाड़ते हुए साध्वी को माफ़ी मांगने की सलाह दी थी और उन्होंने माफ़ी मांग ली थी, लेकिन विवाद यही नही थमा था बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रज्ञा के बयान पर सख्त रवैया अपनाते हुए अनुशासन समिति को जवाब भेजने का निर्णय किया है।