Poster War in Bhopal : भोपाल में ये शुक्रवार पोस्टरों के नाम रहा। सुबह कमलनाथ के पोस्टर के साथ जो आगाज़ हुआ..शाम अपने अंजाम पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पोस्टर्स के साथ पहुंची। तो हम इसे ‘पोस्टर-फ्राइडे’ कर सकते हैं और इन पोस्टर्स ने वाकई किसी को भी ‘फ्राई’ करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जहां कांग्रेस दोपहर तक इन पोस्टरों को बीजेपी की कारस्तानी बता रही थी, वहीं शिवराज के पोस्टर छपने के बाद मामला कुछ और ही रूख लेता नज़र आ रहा है।
एक और ‘पोस्टर बम’
अभी तो कांग्रेस के आरोप खत्म भी नहीं हुए थे..बीजेपी की सफाई जारी ही थी कि एक और नया ‘पोस्टर बम’ फूट गया। शाम होते होते राजधानी में 5 नंबर स्टॉप के पास सीएम शिवराज के पोस्टर छप गए। इन पोस्टरों में ‘शिवराज नहीं घोटाला राज’ ‘शिवराज के 18 साल..घपले और घोटालों की भरमार’ जैसे टाइटल के साथ डंपर घोटाला, व्यापम महा घोटाला, पोषण आहार घोटाला, ईटेंडरिंग घोटाला, कारम डैम घोटाला, यूरिया घोटाला, पोषण आहार घोटाला और कन्यादान घोटालों का जिक्र है।
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इससे पहले सुबह भोपाल में कमलनाथ वॉन्टेड के पोस्टर्स मनीषा मार्केट, शाहपुरा और शैतान सिंह चौराहे पर लगे मिले थे। इनसे लिखा गया था कि ‘ 25000 करोड़ का किसान कर्जमाफी घोटाला, 350 करोड़ का CD घोटाला, 1963 करोड़ का मोबाइल घोटाला, 1178 करोड़ का गेहूं बोनस घोटाला, 600 करोड़ का खाद घोटाला किसने किया।’ 15 महीने के कांग्रेस शासनकाल में घोटालों का आरोप लगाते हुए क्यूआर कोड दिए गए हैं।
सुबह जब कमलनाथ के पोस्टर देखे गए तो कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए पुलिस रिपोर्ट की बात भी कही। कमलनाथ ने खुद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्हें कोई अपमानित नहीं कर सकत और इन पोस्टरों का ठीकरा बीजेपी के सिर फोड़ दिया। लेकिन अब जब खुद मुख्यमंत्री के खिलाफ भी पोस्टर चस्पा हो गए हैं तो मामले का रुख पलट गया दीखता है। अब अगर बीजेपी ये कहती है कि पोस्टर कांग्रेस ने लगाए हैं तो कहीं न कहीं आरोप हल्के पड़ते नजर आएंगे। वहीं कांग्रेस के आरोप भी एक तरह से खुद ही विलोपित हो गए लग रहे हैं क्योंकि दो मुख्य दलों के मुखिया के खिलाफ एक साथ भ्रष्टाचार के आरोपों वाले पोस्टर के पीछे किसी तीसरे की खुराफात से भी इनकार नहीं किया जा सकता। बहरहाल..समस्या ये हो गई है कि अब बीजेपी और कांग्रेस उतने पुरज़ोर तरीके से एक दूसरे पर इसके आरोप भी नहीं जड़ सकते। वहीं इस मामले में एक बड़ा सवाल ये भी है कि देश की नंबर वन स्मार्ट सिटी का खिताब पा चुके भोपाल में जहां चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी की निगरानी है, आखिर कौन मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ कौन इतने खुलेआम पोस्टर चिपका गया है।
About Author
श्रुति कुशवाहा
2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।