भोपाल। प्रदेश में सरकार किसकी बनेगी, इसका फैसला 11 दिसंबर को होगा। इससे पहले प्रदेश में नई सरकार को लेकर सियासी बहस छिड़ गई है कि सरकार बदलने पर प्रदेश में क्या-क्या बदलाव होगा। इसकी चर्चा सचिवालय में भी हो रही है। सरकार बदलने पर मुट्ठी भर अफसरों का कॉकस खत्म हो जाएगा और सालों से लूप लाइन में पड़े अफसर फ्रंंट लाइन में आ जाएंगे। चूंकि इस महीने मुख्य सचिव का भी फैसला होना है, ऐसे में सरकार बदलने पर मुख्य सचिव का फैसला भी चौकाने वाला होगा। यदि भाजपा की फिर से सरकार बनती है तब लॉबिंग कर रहे अफसर को ही मुख्य सचिव बनाया जाएगा।
शिवराज सरकार में ये अफसर पॉवरफुल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में आधा दर्जन अफसरों की ज्यादा चलती रही है। अफसरों की मैदानी जमावट से लेकर सरकार में हर तरह के छोटे-बड़े फैसले इन्हीं मुठ्ठीभर अफसरों की सहमति से ही लिए जाते रहे हैं। यही वजह है कि सरकार में दूसरे अफसरों में इसको लेकर नाराजगी रहती। शिवराज सरकार में विवेक अग्रवाल, एसके मिश्रा, मोहम्मद सुलेमान, इकबाल सिंह बैंस, हरिरंजन राव, राधेश्याम जुलानिया, मनोज श्रीवास्तव की गिनती ताकतवर अफसरों में होती है।
सरकार बदली तो ये होंगे ताकतवर
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की स्थिति में प्रशासनिक मुखिया की दौड़ में वरिष्ठ आईएएस एसआर मोहंती सबसे आगे हैं। मुख्य सचिव के बदलने पर विभागों के प्रमुख सचिव, संभागायुक्त एवं जिला कलेक्टरों तक बदलाव होगा। ऐसे अफसर जो लंबे समय से लूप-लाइन में हैं, उन्हें बेहतर पोस्टिंग मिलने की संभावना रहेगी। कांग्रेस की सरकार बनने पर मनु श्रीवास्तव के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय के दरबाजे खुल सकते हैं। मनु की गिनती कमलनाथ के बेहद करीबी अफसरों में होती है। इसके अलावा मलय श्रीवास्तव, संजय बंदोपाध्याय, आशीष उपाध्याय, प्रवीण गर्ग, राजेश मिश्रा, गौरी सिंह भी ताकतवर होंगे।
सत्ता परिवर्तन का इन पर नहीं पड़ेगा असर
सत्ता परिवर्तन की स्थिति में मोहम्मद सुलेमान और राधेश्याम जुलानिया पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि सुलेमान कांग्रेस सरकार के समय में कांग्रेस नेताओं के चहेते अफसर थे। वे भाजपा नेताओं के भी चहेते रहे हैं। जबकि जुलानिया अपने सख्त अंदाज की वजह से सरकारों के चहेते अफसर रहे हैं।