भोपाल/नई दिल्ली।
भीषण चक्रवाती तूफान फोनी ने शुक्रवार को ओडिशा के पुरी में दस्तक दे दी है। हवा की रफ्तार 170 किमी प्रति घंटा बताई जा रही है और भीषण बारिश हो रही है। तूफान की रफ्तार तेज होने के कारण सड़कों पर सामने कुछ नजर नही आ रहा है।वही इस तूफान का असर ओडिशा , तमिलनाडु, पुडुचेरी के साथ साथ छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम राज्य पर भी पड़ने वाला है। तूफान की वजह से इन राज्यों के दिन-रात के तापमान में कुछ गिरावट दर्ज की गई है। इन राज्यों में आंधी और बिजली के साथ बारिश की भी आशंका है।वही एमपी के 20 जिलों भी बारिश, आंधी और ओले की संभावना जताई गई है।
बताया जा रहा है कि पुरी में तूफान के टकराने के समय हवाओं की रफ्तार 170 से 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं, जो 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच सकती हैं। बालासोर में पहुंचते समय हवाओं की रफ्तार 130-140 किमी प्रति घंटे रहेगी, जो अधिकतम 155 किमी तक पहुंच सकती है। जिसका असर मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों पर भी पड़ने वाला है। इसी के चलते एमपी में मौसम विभाग ने बीस जिलों में ओले के साथ बारिश की संभावना जताई है।मौसम वैज्ञानिक की माने तो अगले 48 घंटाें में हाेशंगाबाद, बैतूल, छिंदवाड़ा, रायसेन, नरसिंहपुर, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दमाेह, सतना, रीवा, सिंगराैली, शहडाेल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, सिवनी, मंडला और बालाघाट में आंधी, बारिश और ओले की संभावना है।
उडाने और ट्रेने रद्द
वही भुवनेश्वर और काेलकाता एयरपाेर्ट से उड़ानें बंद रहेगी। फ्लाइट्स के अलावा बड़ी संख्या में रेलमार्ग भी प्रभावित हुआ है। 223 ट्रेनों को एहतियातन रद्द कर दिया गया है।रेलवे ने तूफान के मद्देनजर 3 मई को दिल्ली और हरिद्वार से पुरी, भुवनेश्वर और विशाखापत्तनम जाने वाली सात ट्रेनें कैंसल कर दीं। एक ट्रेन 4 मई को कैंसल की गई है और एक-एक ट्रेन 6 और 7 मई को कैंसल की गई है। इनमें भोपाल से विशाखापट्टनम जाने वालीं दो ट्रेनें शामिल हैं। इसके अलावा 9 ट्रेनों के रूट बदले गए।
ओडिसा में अभी की स्थिति
मौसम विभाग के एडीजी महापात्रा के अनुसार इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अगले तीन घंटे यानि 11 बजे तक राज्य में 200 किमी की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। फिलहाल पुरी में 140 किमी की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। वहीं ओडिशा और आसपास के राज्यों में भारी बारिश हो रही है। सुबह 5.30 बजे तक यह तूफान ओडिशा से महज 65 किमी दूर था और इसकी वजह से जहां गोपालपुर में 10 सेमी से ज्यादा तो भुवनेश्वर में 5 सेंटीमीटर बारिश दर्ज हो चुकी है। पुरी में तो हवाएं 80 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही हैं।
कच्चे मकान और कमजार इमारत हो सकती हैं तबाह
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस तूफान से झोपड़ियां और कच्चे मकान पूरी तरह बर्बाद हो सकते हैं। सड़कें और फसलों की भारी नुकसान ��ो सकता है। बिजली के खंभे गिरने और तूफान की वजह से उड़ने वाली वस्तुओं से भी खतरा रहेगा। खुर्दा, कटक, जाजपुर, भद्रक और बालासोर जिलों से होते हुए तूफान उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ेगा। इसके बाद पश्चिम बंगाल और फिर बांग्लादेश की ओर मुड़ जाएगा।
धीरे धीरे कम होगा असर
गृह मंत्रालय ने बताया कि पीएम मोदी ने फोनी तूफान से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सीनियर अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) के आधिकारी ने बताया कि 1999 के सुपर साइक्लोन के बाद यह पहली बार होगा, जब राज्य इतने भीषण तूफान का सामना करेगा। 1999 में आए सुपर साइक्लोन में 10 हजार लोगों की जान चली गई थी। उस तूफान की रफ्तार 270-300 किलोमीटर प्रति घंटा की थी। वहीं, फोनी तूफान करीब 4-6 घंटे तक बेहद भीषण बना रहेगा। इसके बाद यह धीरे-धीरे कमजोर होगा।