नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री (Union Minister of Information Technology) अश्विनी वैष्णव (ashwini vaishnav) द्वारा पेगासस विवाद (Pegasus controversy) पर तैयार किए गए बयान को फाड़ने के एक दिन बाद शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन (Shantanu Sen) को शेष मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। TMC सांसद शांतनु सेन पूरे सत्र के लिए सस्पेंड (suspend) हुए है। शांतनु सेन को राज्यसभा स्पीकर ने सस्पेंड (suspend) किया।
गुरुवार को सेन उच्च सदन के वेल में पहुंचे और वैष्णव के पास रखे पेपर को छीन लिया और उसे फाड़ दिया गया। सेन उन कई विपक्षी नेताओं में शामिल थे, जो कथित जासूसी विवाद के विरोध में वेल में घुसे थे। जैसे ही वैष्णव बोलने के लिए उठे, सदन में “जासूसी बंद करो, बंद करो” के नारे लगने लगे।
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इससे पहले सदन को संबोधित करते हुए वैष्णव ने कहा था कि 18 जुलाई 2021 को एक वेब पोर्टल द्वारा एक बेहद सनसनीखेज कहानी प्रकाशित की गई थी। इस कहानी के इर्द-गिर्द कई ओवर-द-टॉप आरोप लगाए गए थे। प्रेस रिपोर्ट संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले सामने आई। यह इत्तेफाक नहीं हो सकता।
मंत्री ने कहा कि अतीत में व्हाट्सएप पर पेगासस के उपयोग के संबंध में इसी तरह के दावे किए गए थे। उन रिपोर्टों का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं था और सर्वोच्च न्यायालय सहित सभी पक्षों द्वारा स्पष्ट रूप से इनकार किया गया था। 18 जुलाई की प्रेस रिपोर्टें भी भारतीय लोकतंत्र को उसकी संस्थाओं के साथ बदनाम करने का एक प्रयास है। हम उन लोगों को दोष नहीं दे सकते
जिन्होंने कहानी को विस्तार से नहीं पढ़ा है और मैं सभी माननीय सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे तथ्यों और तर्क पर इस मुद्दे की जांच करें। वैष्णव इजरायल के एनएसओ ग्रुप द्वारा पेगासस स्पाइवेयर के संभावित लक्ष्यों के रूप में सूचीबद्ध 300 भारतीय नंबरों पर वैश्विक सहयोगी जांच के खुलासे का जिक्र कर रहे थे।