Tue, Dec 30, 2025

बिजली बिलों की माफी के नाम पर गरीबों को झटका, शिवराज सरकार पर रणदीप सिंह सुरजेवाला के गंभीर आरोप

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
बिजली बिलों की माफी के नाम पर गरीबों को झटका, शिवराज सरकार पर रणदीप सिंह सुरजेवाला के गंभीर आरोप

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शिवराज सरकार पर प्रदेश के 20 लाख परिवारों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने आरोप के समर्थन में कई दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि सरकार ने मुख्यमंत्री के वादे के विपरीत प्रदेश के गरीब परिवारों के साथ किस तरह की धोखाधड़ी की है और कांग्रेस ने बाकायदा इसका सर्वे कराकर यह जानकारी एकत्र की है।

सीएम शिवराज पर गरीबों से छल का आरोप

भोपाल में एक पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर अपनी घोषणाओं के विपरीत गरीब जनता के साथ छल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि किस तरह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नौगांव में अगस्त में घोषणा की थी कि प्रदेश भर में बिजली के बिलों में बढ़ोतरी की शिकायतें आ रही हैं और इस तरह की गड़बड़ी की शिकायतों के चलते सरकार यह निर्णय ले रही है कि एक किलोवॉट तक के बिजली के बिलों को अब माफ कर दिया जाएगा और सरकार उन्हें भरेगी। एक किलोवॉट से ऊपर के बिजली के बिलों की भी समीक्षा की जाएगी और सरकार उसके बारे में आवश्यक निर्णय लेगी। सुरजेवाला ने कहा कि इसके अगले महीने ही एक आदेश मध्य प्रदेश की पूर्वी, पश्चिमी और मध्य विद्युत वितरण क्षेत्र कंपनियों के द्वारा निकाला गया और उसमें लिखा गया कि एक किलोवॉट तक के बिजली उपभोक्ताओं के बिल स्थगित किए जाते हैं, यानी मुख्यमंत्री की घोषणा माफी की थी लेकिन बिलों को केवल स्थगित किया गया। इससे एक भी उपभोक्ता का बिजली का बिल माफ नहीं किया गया।

आपराधिक कार्रवाई की मांग

इससे भी बड़ी गड़बड़ी तो यह हुई कि यह आदेश सितंबर माह में निकला और उसके पहले जुलाई माह में ही प्रदेश के 20 लाख उपभोक्ताओं के बिजली प्रभार एक किलोवॉट से बढ़कर दो किलोवॉट कर दिए गए जबकि किसी भी उपभोक्ता का बिजली भार बढ़ाने की एक प्रक्रिया होती है और उसके तहत सर्वे करके बाकायदा एक प्रमाण पत्र बनाया जाता है। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में ऐसा कुछ नहीं किया गया। इस तरह प्रदेश के लगभग 20 लाख परिवार न केवल बिजली बिलों की माफी की शिवराज की घोषणा से वंचित हो गए बल्कि उन्हें एक की बजाय दो किलोवॉट के बिजली बिलों की श्रेणी में डाल दिया गया। चूंकि अधिकांश बिजली बिलों का प्रभार आंकलित खपत के आधार पर होता है इसलिए उनके बिजली के बिलों की खपत भी बढ़ गई।

सुरजेवाला ने यह भी बताया कि कांग्रेस ने 21 जिलों के 38 डिवीजन का अध्ययन किया है और उनके पास 3 लाख से भी ज्यादा उपभोक्ताओं के आंकड़े मौजूद हैं जो यह बताते हैं कि किस तरह से उनके विद्युत प्रभार एक किलोवॉट की बजाय दो किलोवॉट कर दिए गए। सुरजेवाला ने इसे सरकार के द्वारा की गई गंभीर गड़बड़ी बताते हुए ऐसे मामलों में आपराधिक कार्रवाई करने की भी मांग की।