बालाघाट।
बालाघाट से मौजूदा सांसद बोधसिंह भगत का टिकट काटकर ढ़ाल सिंह बिसेन को टिकट दिए जाने पर सियासी बवाल मच गया है। बोध सिंह ने बागवत कर दी है और नामांकन का पर्चा खरीद लिया है।हैरानी की बात तो ये है कि पर्चा बीजेपी के चिन्ह पर ही खरीदा गया है।भगत को उम्मीद है कि पार्टी बिसेन का टिकट काट फिर से उन्हें टिकट देगी। वही इस पूरे घटनाक्रम के बाद बीजेपी में हड़कंप मच गया है। भोपाल से लेकर दिल्ली तक बोध सिंह की नाराजगी की खबर पहुंच चुकी है।इधर, बेटी को टिकट नहीं दिए जाने से पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन भी नाराज हो गए है। अब देखना है कि चुनाव से पहले पार्टी अपनों की नारजगी कैसे दूर करती है।
दरअसल, बीजेपी के 20 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद से ही विरोध के स्वर फूटने लगे है। चुंकी इस बार कई सीटों से मौजूदा सांसदों के टिकट काटे गए है औऱ नए चेहरे को मौका दिया गया है। इसी कड़ी में बालाघाट से मौजूदा सांसद बोध सिंह भगत का टिकट काटा गया है।उनकी जगह ढ़ाल सिंह बिसेन को मैदान में उतारा गया है, जिसके चलते समर्थकों और स्थानीय नेताओं में नाराजगी है। बीते दिनों समर्थकों ने इसको लेकर बीजेपी कार्यालय पर जमकर हंगामा भी किया था और कार्यालय पर ताला जड़ दिया था। इसके बाद मामला बढ़ता देख पुलिस ने मोर्चा संभाला और हल्का बल का प्रयोग किया था। इसी बीच मंगलवार से पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया शुरु हो गई है, जिसमें बालाघाट, मंडला, शहडोल, सीधी, सतना और छिंदवाड़ा सीटे शामिल है। भगत ने भी बालाघाट से बीजेपी के चिन्ह पर नामांकन फॉर्म खरीद लिया है। वही इस पूरे घटनाक्रम के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है। विधानसभा की तरह लोकसभा चुनाव में भी अपनों की नाराजगी बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है।
लड़ सकते है निर्दलीय चुनाव
वर्तमान सांसद बोधसिंह भगत ने अपने प्रतिनिधि शैलेंद्र सेठी, ऋषि शुक्ला के जरिए नामांकन केंद्र पहुंचकर भाजपा के ही चिन्ह से फॉर्म लिया है। नामांकन फॉर्म लेने के बाद सांसद बोध सिंह भगत का कहना है कि नामांकन फॉर्म ले लिया है, इसे भरेंगे और चुनाव भी लड़ेंगे।भगत के बयान से साफ जाहिर हो रहा है कि उन्हें अब भी उम्मीद है कि पार्टी ढालसिंह से टिकट वापस लेकर उन्हें दे दी देगी। वही टिकट ना मिलने पर भगत के निर्दलीय चुनाव लड़ने की अटकले तेज हो गई है। कार्यकर्ताओं द्वारा भी इस बात के संकेत दिए गए है।माना जा रहा है कि अगर बोध सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ते है तो पार्टी की मुश्किलें बढ सकती है, वोटों के बंटने के आसार है, जिसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है।
पूर्व मंत्री भी हुए नाराज
वही दूसरी तरफ बेटी को टिकट ना मिलने पर पूर्व मंत्री गौरीशंकर भी नाराज हो गए है। 2014 के लोकसभा के लिए गौरीशंकर ने अपनी पुत्री मौसम के लिए टिकट मांगी थी, अंत में टिकट बोधसिंह भगत को मिल गई और वे मोदी लहर में चुनाव जीत गए। इसके बाद बोधसिंह भगत गौरीशंकर बिसेन से हमेशा नाराज रहने लगे। माना जा रहा है कि गौरीशंकर की वजह से भगत का टिकट काटा है।
कार्यकर्ताओं ने दी चेतावनी
वही भगत के समर्थन में उतरे पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी ऐलान कर दिया कि अगर बोध सिंह भगत को टिकट नहीं मिली तो लगभग 300 से अधिक पार्टी कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। वही कार्यकर्ताओं ने टिकट ना मिलने पर निर्दलीय चुनाव लडाने की बात कही है। इस ऐलान के बाद बालाघाट से लेकर भोपाल तक भाजपा में खलबली मच गई। पार्टी के फैसले से नाराज भगत के समर्थक बिसेन की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की है।