भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों (MP Employees Officers) के लिए गुड न्यूज है। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट में फिर से पदोन्नति में आरक्षण पर सुनवाई चल रही है और अगस्त में कर्मचारियों और अधिकारियों के पदोन्नति में आरक्षण (MP Reservation in Promotion) पर फैसला आने की संभावना है। वही दूसरी तरफ राज्य सरकार ने अन्य विभागों में भी अधिकारियों-कर्मचारियों को उच्च पदों का प्रभार देने का फैसला किया है।खास बात ये है कि इससे सरकार के ऊपर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं आएगा।
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दरअसल, मध्य प्रदेश में पिछले 6 साल यानि 2016 से कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण का मामला लंबित है और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस अवधि में 70000 से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और करीब 36000 को पदोन्नति नहीं मिली है,ऐसे में राज्य सरकार ने बीच का रास्ता निकाला है और उच्च पदो का प्रभार देने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्य प्रदेश के गृह और जेल विभाग के बाद अब राजस्व विभाग ने अधिकारियों-कर्मचारियों को उच्च पद पर प्रभार देने का फैसला किया है और इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं।
इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग ने अन्य विभागों को भी निर्देश दिए हैं कि वे भी इस तरह उच्च पदों का प्रभार दे सकते हैं।वही राजस्व विभाग ने प्रमुख राजस्व आयुक्त और आयुक्त भू-अभिलेख से उच्च पदों का प्रभार देने के लिए तहसीलदारों और राजस्व निरीक्षकों की सूची मांगी है, जो इन पदों पर पांच वर्ष कार्य कर चुके हैं। इसके तहत तहसीलदार को डिप्टी कलेक्टर और राजस्व निरीक्षक को नायब तहसीलदार पद का प्रभार मिलेगा। वही जिन पर 2017 से 2021 की गोपनीय चरित्रावली में प्रतिकूल टिप्पणी दर्ज नहीं है, ऐसे अधिकारियों को उच्च पद का प्रभार नहीं दिया जाएगा, जिनके विरुद्ध विभागीय जांच चल रही है या आपराधिक, न्यायालयीन या लोकायुक्त प्रकरण दर्ज है।
अगस्त में आ सकता है पदोन्नति में आरक्षण पर फैसला
मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है। कर्मचारियों और अधिकारियों का 6 साल का पदोन्नति में आरक्षण (MP Reservation in Promotion) का इंतजार खत्म हो सकता है।सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई जारी है और मध्य प्रदेश के संबंध में मांगा गया डाटा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट को उपलब्ध करा दिया गया है।माना जा रहा है कि राज्यवार चल रही सुनवाई में प्रमोशन में आरक्षण पर 17 अगस्त को बड़ा फैसला आ सकता है।