भोपाल। संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत इन दिनों प्रदेश के दौरे पर हैं। वे गुना के बाद बीते रात भोपाल आ गए हैं। यहां पर उनकी मौजूदगी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषांगिक संगठनों की दो दिवसीय बैठक पांच और छह फरवरी को होने जा रही है। खास बात यह है कि यह पहला मौका है जब मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के आनुषांगिक संगठनों की समन्वय बैठक में स्वयं सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत मौजूद रहेंगे। इस दौरान भाजपा से उसके एक साल के कार्यकाल का हिसाब लिया जाएगा और झाबुआ उपचुनाव में पार्टी को मिली हार पर भी बैठक में भाजपा बैठक में मप्र भाजपा को भी अपना सालभर का हिसाब देना होगा।
प्रदेश की दो सीटों पर उप चुनाव होना हैं। जौरा और आगर विधानसभा सीट पर उप चुनाव होना है। भाजपा दोनों सीटों पर जीत के लिए ताकत झोंकना चाहती है। इससे पहले झाबुआ उप चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में पार्टी नेताओं पर दबाव भी है। इन दोनों सीटों पर पार्टी की हार जीत भविष्य भी तय करेगी। संघ बीते चुनाव की हार और आने वाली उप चुनाव की रणनीति को लेकर भापजा नेताओं से रिपोर्ट लेगा। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रही खींचतान पर भी मंथन किया जाएगा। इन संगठनों की बैठक में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, संगठन महामंत्री सुहास भगत, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी मौजूद रहेंगे। मुख्य सचेतक डॉ. नरोत्तम मिश्रा सहित सहित कुछ केंद्रीय मंत्रियों और राष्ट्रीय पदाधिकारियों को भी बुलाया गया है, लेकिन दिल्ली चुनाव और लोकसभा सत्र के चलते आने की उम्मीद कम है।
भागवत ने गुना में कहा था कि. “युवाओं को स्वार्थ और मर्यादाओं का त्याग करना चाहिए और राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनना चाहिए। यदि युवा अपने बहुमूल्य समय के बहुत कम हिस्से को राष्ट्रीय हित के लिए समर्पित करने का संकल्प लेते हैं तो भारत विश्व गुरु ’(विश्व नेता) के रूप में उभरेगा,” भागवत ने कहा है कि गुना में समापन सत्र को संबोधित करते हुए। भागवत ने आरएसएस कैडर और क्षेत्रीय प्रचारकों के साथ युवाओं के साथ राष्ट्रीय हित और व्यक्तित्व निर्माण से जुड़े विषयों पर चर्चा की। शिविर में मध्य प्रदेश के 16 जिलों के कॉलेज के छात्रों ने भाग लिया। संगठनात्मक गतिविधियों पर एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी। प्रदर्शनी में 8 विषयों पर आधारित 250 से अधिक चित्रों को प्रदर्शित किया गया है।
गौरतलब है कि पिछले साल भाजपा के दो विधायक शरद कोल ब्यौहारी और नारायण त्रिपाठी मैहर ने विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस सरकार के पक्ष में मतदान किया था। तभी से दोनों विधायकों की स्थिति को लेकर भाजपा में असमंजस बना हुआ है। त्रिपाठी ने तो कुछ महीनों बाद भाजपा कार्यालय आकर कहा था कि मैं भाजपा में ही हूं, लेकिन हाल में उन्होंने सीएए का विरोध कर एक बार फिर भाजपा को झटका दिया है। समन्वय बैठक में इन गंभीर मुद्दों पर अलग से चर्चा होगी। सीएए सहित राम मंदिर, तीन तलाक और अन्य मसलों पर भी चर्चा होने की संभावना है।