भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। निवेशकों के अरबों खरबों रुपए डकारने के आरोपों में घिरी सहारा इंडिया (Sahara India) अब सेबी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने जा रही है। सहारा इंडिया का आरोप है कि सेबी (Securities and Exchange Board Of India) ने उसका आर्थिक दमन किया है और इसलिए देशभर में स्थित सेबी के कार्यालयों का घेराव किया जाएगा। सहारा इंडिया के अधिकारी कर्मचारी 8 नवंबर को इंदौर में स्थित सेबी के कार्यालय का घेराव करेंगे।
दरअसल यह सहारा की देशव्यापी मुहिम का ही हिस्सा है जिसके तहत कार्यकर्ताओं के द्वारा निवेश कर्ताओं के साथ देश भर में स्थित सेबी के कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन और सेबी प्रबंधन को ज्ञापन देने का कार्यक्रम किया जाना है। इसके लिए बाकायदा देशभर में स्थित सभी कार्यालयों में एक 13 पेज का प्रपत्र भेजा गया है जिसमें पूरे कार्यक्रम की जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि सेबी के कार्यालय से कम से कम एक किलोमीटर की दूरी पर एकत्र होकर सेबी के द्वारा की जा रही हठधर्मिता के बारे में निवेशकों को बताया जाए और उसके बाद नारे भी लगाए जाएं। जुलूस को बड़ा बनाने के लिए गाड़ियां भी इकट्ठी हो। इनमें बैनर पोस्टर चिपके हो। इसके बाद सेबी के स्थानीय प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा जाए।
प्रबंधन के माध्यम से सेबी के अध्यक्ष को दिए जाने वाले ज्ञापन का भी प्रोफार्मा इस पूरे प्रपत्र में दिया गया है। इस ज्ञापन में साफ लिखा गया है कि किस तरह से सेबी हठधर्मिता पर उतर आया है और सहारा के जमा पैसे नहीं लौटा रहा है। पत्र के अंत में लिखा गया है कि यदि पैसे नहीं लौटाए गए तो एजेंट और निवेशक गण धीरे धीरे मृत्यु के कगार पर आ जाएंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी सेबी की होगी यानी साफ तौर पर सेबी को धमकाने जैसी रणनीति बनाई जा रही है। सेबी पहले ही सुप्रीम कोर्ट से कह चुका है कि सहारा के द्वारा दो कंपनियों में निवेश किए गए पैसे के बारे में जो भी जानकारी दी गई है उससे वह संतुष्ट नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और जिसमें सुप्रीम कोर्ट को तय करना है कि सेबी सही है या सहारा तो फिर बीच मामला चलते आखिरकार सहारा ऐसा कैसे कर रहा है, यह समझ से परे है। सहारा से जुड़े लोगों का कहना है कि यह एजेंटों और निवेशकों का ध्यान भटकाने की रणनीति है।