One Nation One Election : शशि थरूर ने वन नेशन वन इलेक्शन को बताया अव्यावहारिक, कहा ‘हमें नहीं भूलना चाहिए कि आज इस स्थिति में क्यों हैं’

कांग्रेस सांसद ने कहा कि संसद में विधेयक आने दीजिए, इसपर विस्तार से चर्चा आवश्यक है। इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए संविधान में कम से कम 18 संशोधन करने होंगे। उन्होने कहा कि इतिहास ने ऐसी स्थिति दी है कि दोनों चाहें वो केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, हमें अलग-अलग समय में एक अलग चुनाव क्रम अपनाना पड़ा है और अब आप इसे कैसे रोका जाएगा।

Congress MP Shashi Tharoor

One Nation One Election : मोदी कैबिनेट ने बुधवार को वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। ये भारत में सभी प्रमुख चुनावों को एक साथ आयोजित करने का प्रस्ताव है। इसका मतलब है कि लोकसभा (संसद) और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक ही समय पर कराए जाएं। हालाँकि कांग्रेस इसके पक्ष में नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कह चुके हैं कि ‘हम इसे नहीं मानते, ये नहीं चलने वाला है। अगर हम लोकतंत्र को ज़िंदा रखना चाहते हैं तो जब आवश्यकता हो तब चुनाव करने होंगे। अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इसे अव्यावहारिक बताया है।

बता दें कि वर्तमान में भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं और पीएम मोदी का कहना है कि इससे देश की प्रगति बाधित होती है। ये  प्रस्ताव भारत में सभी प्रमुख चुनावों को एक ही समय पर आयोजित करने का विचार है जिससे संसदीय और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ किए जा सकें।

कांग्रेस ने वन नेशन वन इलेक्शन के विचार पर जताई आपत्ति

वन नेशन वन इलेक्शन का प्रस्ताव भारत में सभी प्रमुख चुनावों को एक ही समय पर आयोजित करने का विचार है। एक साथ चुनाव कराने से चुनावी खर्चों में कमी आएगी वहीं बार-बार चुनावी प्रक्रिया के कारण प्रशासनिक संसाधनों पर पड़ने वाला दबाव भी कम होगा। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव पर अपनी चिंता और आपत्ति जताई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने इसे लेकर कहा था कि एनडीए के लिए ये लागू कर पाना मुमकिन नहीं है और इसे लागू करने के लिए संविधान में कम से कम पाँच संशोधन करने होंगे और पीएम मोदी के पास इसके लिए पर्याप्त संख्या नहीं है। कांग्रेस का कहना है कि कहना है कि यह प्रस्ताव संविधान की बुनियादी संरचना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है। उसका तर्क है कि इससे राज्यों की स्वायत्तता कम हो सकती है और इससे पार्टी और चुनावी प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

शशि थरूर ने कहा ‘ये व्यावहारिक नहीं है’

अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इस प्रस्ताव को अव्यावहारिक बताया है। एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम आज इस स्थिति में क्यों हैं। हम इस स्थिति में इसलिए हैं क्योंकि हमने 1952, 1957, 1962, 1967 में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ की शुरुआत की थी। और फिर क्या हुआ कि 1967 में कई राज्य सरकारें चुनी गईं। वे अपना पूरा कार्यकाल नहीं निभा पाईं। कुछ सरकारें कुछ महीनों में गिर गईं, कुछ उसके बाद गिर गईं। इतिहास ने ऐसी स्थिति दी है कि दोनों चाहें वो केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, हमें अलग-अलग समय में एक अलग चुनाव क्रम अपनाना पड़ा है। अब आप इसे कैसे रोकेंगे ? एक राज्य की सरकार जो पांच साल के लिए चुनी गई है, अगर उसे तीन साल बाद फिर से चुनाव लड़ना पड़ेगा तो क्या वे अदालत में जाकर यह नहीं कह सकते कि यह असंवैधानिक है ? बेशक वे ऐसा कर सकते हैं’।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News