भोपाल।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद से ही विपक्ष की भूमिका में अहम रोल निभा रहे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कमलनाथ सरकार की घेराबंदी में लगे हुए। कभी तबादलों को लेकर तो कभी कर्जमाफी को लेकर तो कभी कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे है। अब शिवराज ने उनके कार्यकाल में लिए गए कैबिनेट के फैसलों को लेकर निशाना साधा है।शिवराज का कहना है कि ऐसी अजब – गजब सरकार तो मैंने पहले कभी देखी है नहीं, कैबिनेट के फैसले को मुख्य सचिव ने उड़ा दिया। मंत्रियों के साथ ठेकेदार गठजोड़ कर जनता के पैसे की बंदरबांट भी कर रहे हैं, यह मनमानी नहीं चलने दी जायेगी। मुख्यमंत्री जी, ऐसे सभी अनुत्तरित सवालों का जवाब देना होगा।
आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए शिवराज ने कहा कि चारों तरफ हाहाकार मचा है। किसानों की धान की खरीदी नहीं की जा रही और जिनकी खरीदी की भी गई है, उनका भुगतान नहीं किया गया। एक तरफ सरकार कह रही है कि उसके पास भुगतान के लिए पैसे नहीं हैं और दूसरी तरफ #IIFA2020MP पर पैसे उड़ा रही है। यह मनमानी बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
शिवराज ने मुख्यमंत्री से इन सवालों के मांगे जवाब
1. क्या यह सच है कि वित्त और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, दोनो ने प्रस्ताव दिया था कि पोषण आहार का कोई निजीकरण नहीं होना चाहिए?
2. क्या यह सच है कि केबिनेट में भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई ?
3. क्या यह सच है कि ए.सी.एस. गौरी सिंह ने केबिनेट में विधिवत रूप से अपना पक्ष सरकार के समक्ष रखा ?
4. क्या सह सच है कि निजी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान किया गया, लेकिन बाद में रिकार्ड में इसे बदल दिया गया। क्या कारण रहा इसे बदलने का ?
5. क्या सह सच है कि इस तरह से निर्णय को हेरफेर कर बदलने से निजी कंपनियांे को फायदा होगा?
6. क्यों राज्य के मुख्य सचिव ने, गलत तरीके से केबिनेट के निर्णय को बदल दिया?
7. क्या यह उच्च न्यायालय के निर्देशों के उल्लंघन का कुटिल प्रयास नहीं है?
8. क्या यह सच है कि भ्रष्टाचारी अफसरों, ठेकेदारों के दबाव में ही आपकी सरकार ने ईमानदार और कर्तव्य निष्ठ अफसर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर मजबूर किया।
ये थे शिवराज कैबिनेट के फैसले-
1. भाजपा की मेरी सरकार ने दिनांक 13 मार्च 2018 को केबिनेट की बैठक में निर्णय लिया था कि:-
2. टेकहोम राशन का कार्य महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से किया जायेगा।
3. इसके लिए 07 आटोमेटिक संयन्त्र राज्य में स्थापित किये जाएंगे।
4. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार हमने पोषण आहार व्यवस्था से ठेकेदारों,प्राईवेट फर्मो का काम स्व सहायता समूहों को देना उन्हें सशक्त बनाया जायेगा।
5. लगभग 110 करोड़ की राशि से प्लांटो का निर्माण किया गया। लाभ की राशि में से महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से महिला सशाक्तिकरण का कार्य होता। प्लांटों द्वारा अर्जित शुद्ध लाभ में से 90 प्रतिशत राशि आजीविको मिशन को जाती जिसमें से 50 प्रतिशत राशि राजकीय कोष में और 50 प्रतिशत स्वसहायता समूहों को महिला सशाक्तिकरण हेतु प्रदाय की जाती है।
यह भाजपा सरकार का निर्णय था।
1. देवास, धार, होशंगाबाद, मंड़ला, सागर, शिवपुरी, रीवा, में प्लांट तैयार किये गए यह कार्य वर्तमान कांग्रेस सरकार को प्रारंभ करना था।
2. दिनांक 27.11.2019 को सम्पन्न कैबिनेट की बैठक में पंचायत ग्रामीण विकास विभाग की तत्कालीन अपर मुख्य सचिव श्रीमती गौरी सिंह के हस्ताक्षरों से संक्षेपिका रखी गयी। संक्षेपिका में निर्णय प्रारूप के क्रमांक 11 पर लिखा था- ‘‘यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एम.पी.एग्रो किसी भी रूप में निजी संस्था ठेकेदार या आऊट सोर्स एजेंसी को टेकहोम राशन उत्पादन/संचालन के कार्य में सम्मिलित नहीं करेगा।
3. मंत्रि-परिषद की बैठक दिनांक 27.11.2019 को निम्नानुसार निर्णय पारित किया गया-
बिंदु 11- ‘‘यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एम.पी.एग्रो किसी भी रूप में निजी संस्था, ठेकेदार या आउटसोर्स एजेंसी को ब्ेकहोम राशन उत्पादन संचालन के कार्य में सम्मिलित नहीं करेगा।
यह महिला सशाक्तिकरण की दिशा में और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप तत्कालीन भाजपा सरकार की कैबिनेट के निर्णय के अुनरूप कांग्रेसनीत सरकार की कैबिनेट का उचित निर्णय था।
4. दोस्तों फिर भ्रष्टाचार, काली कमाई, खराब नियत वाले अफसरों ओर जन नेताओं के नापाक गठबंधन की कहानी शुरू होती है।
श्रीमती गौरी सिंह ने कैबिनेट के 27.11.2019 के पारित निर्णय से विभागों को अपने नोटशीट से अवगत करवाकर क्रियान्वयन की तैयारी शुरू करवा दी है।
1. श्रीमती गौरी सिंह को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी पड़ी।
2. मुख्य सचिव एस.आर.मोहंती ने अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को एक नोटशीट भेजी जिसमें लिखा गया कि-
— विभागीय संक्षेपिका दिनांक 26.11.2019 की कंड़िका 13 की उपकंड़िका 1 से 10 तथा 12 से 15 का अनुमोदन किया जावें।
और इसको मानकर अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्री मनोज श्रीवास्तव ने दिनांक 16.01.2020 को एक आदेश क्रमांक 280 जारी कर दिया जिसमें से कैबिनेट द्वारा 27.11.2019 को पारित निर्णय की कंड़िका 10 को विलोपित कर दिया।