भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। करोड़ों रुपए के कर्ज में डूबी शिवराज सरकार (shivraj government) एक बार फिर कर्ज लेने जा रही है। कोरोना काल में ठप पड़े आर्थिक परेशानियों को पटरी पर लाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कर्ज लिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक 16 फरवरी को बैंक ऑफ इंडिया (Bank of india) कर्ज के लिए ऑक्शन करेगी। जिसके लिए 17 फरवरी को बिड ओपन किया जाएगा।
दरअसल बजट सत्र (budget session) से पहले एक बार फिर शिवराज सरकार 3000 करोड़ रुपए का कर्ज़ लेगी। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। वहीं 17 फरवरी 2021 को बैंकों में कर्ज के लिए बिड (bid) ओपन किए जाएंगे। जिसके बाद सबसे कम दर पर कर्ज देने वाले बैंकों से शिवराज 10 साल के लिए 3000 करोड़ का कर्ज़ लेगी।
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हालांकि यह कर्ज प्रदेश के विकास कार्यों को गति देने के लिए लिया जा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं। जिसे पूरा किया जाना है। कोरोना संकट की वजह से जीएसटी (GST) और आयकर है। पिछले साल की तुलना में इस साल कम करों (tax) का संग्रह किया गया है जिसके बाद सरकार को लोन लेना पड़ा है। बता दें कि 2019-20 के बजट में केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश को 61000 करोड़ रुपए मिलने थे। लेकिन कोरोना के मद्देनजर केंद्रीय करों में हिस्सेदारी कम हुई। जिसके बाद मध्य प्रदेश को महज 45000 करोड़ ही मिले।
वहीं सरकार अंतिम तिमाही में 16 फरवरी को हजार करोड़, 9 मार्च को हजार करोड़, 23 मार्च को 1000 करोड़ और 30 मार्च को 258 करोड रुपए बाजार से कर्ज उठाएगी। वहीं वित्तीय संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने शिवराज सरकार को 14000 करोड़ अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति दी है। बता दे कि मध्य प्रदेश सरकार पर पहले से ही 33,630 करोड़ रुपए का कर्ज है।