भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) का बड़ा बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि अमरकंटक (Amarkantak) में पक्के निर्माण कार्यों एवं सीमेण्ट-कांक्रीट के कार्यों को प्रतिबंधित किया जाये। अमरकंटक क्षेत्र के पर्यावरण को वैज्ञानिक ढंग से संतुलित किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि नर्मदा नदी (Narmada River) का संरक्षण और संवर्धन हो, जिससे नर्मदा का जल पुनः कल-कल बहे।
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दरअसल, गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अनूपपुर जिले (Anuppur District) की पवित्र नगरी अमरकंटक में भारत सरकार (Indian government) पर्यटन मंत्रालय (Ministry of Tourism) की प्रशाद योजनांतर्गत धार्मिक पर्यटन क्षेत्र अमरकंटक में 49.98 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का शिलान्यास करमे पहुंचे थे। जहां उन्होंने कहा कि नर्मदा को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने के लिए इसके उद् गम स्थल अमरकंटक में पक्के निर्माणों पर रोक लगाई जाएगी।
गंदगी ना पहुंचे, सख्त कदम उठाएंगे
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पवित्र नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की जीवन रेखा है। पवित्र अमरकंटक नगरी साधु-संत एवं ऋषि मुनियों की तप-स्थली रही है। इसे पवित्र बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। अमरकंटक क्षेत्र के नागरिक एवं संत समाज इस दिशा में सोचें कि पवित्र नर्मदा नदी में किसी प्रकार गंदगी न पहुँचे। नर्मदा के उदगम-स्थल में गंदा पानी और मैला न मिले इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएँगे। उदगम स्थल को स्वच्छ, सुंदर और पवित्र बनाये रखने के लिए जनमानस के साथ मिलकर कार्य किया जाएगा।
पक्के निर्माण कार्यों पर रोक लगेगी
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नर्मदा जल ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य आगामी 6 माह में पूरा कर नर्मदा के तटीय क्षेत्रों में पौधरोपण किया जाए। उन्होंने जिला प्रशासन (District Administration) को निर्देश दिए कि अमरकंटक में पक्के निर्माण कार्यों एवं सीमेण्ट-कांक्रीट के कार्यों को प्रतिबंधित किया जाये। अमरकंटक क्षेत्र के पर्यावरण (Environment) को वैज्ञानिक ढंग से संतुलित किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि नर्मदा नदी का संरक्षण और संवर्धन हो, जिससे नर्मदा का जल पुनः कल-कल बहे।
ध्यान कुटी बनेगी, जड़ी बूटियां खेती के लिए जरुरी
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अमरकंटक क्षेत्र के गायत्री और सावित्री सरोवरों से गाद निकालने का कार्य प्रारंभ किया जाए और इन्हें स्वच्छ और सुंदर बनाया जाये।अमरकंटक क्षेत्र के जंगल में कुटियों के निर्माण के साथ ध्यानकुटी भी बनायी जायेगी। इस क्षेत्र के 825 मूल निवासियों को आवास योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अमरकंटक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियां होती हैं। इन जड़ी-बूटियों की खेती के लिए जनजातीय परिवारों (Tribal families) को प्रोत्साहित किया जाए और जनजातीय परिवारों के जड़ी-बूटियों के ज्ञान का लाभ आम लोगों तक पहुँचाया जाए।