भोपाल। मुख्यमंत्री पद से हटने के पांच महीने बाद भी शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं। 10 मार्च को लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद से वे अभी तक मप्र समेत 12 राज्यों में 210 से ज्यादा चुनावी सभाएं कर चुके हैं। वे मप्र में सबसे ज्यादा सभाएं लेने वाले नेता हैं। लोकसभा चुनाव में उन्होंने हर लोकसभा सीट पर 2 से 3 चुनावी सभाएं की है। जबकि विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी हर क्षेत्र में 5 से 6 सभाओं की डिमांड रही है। वे रोजाना इतनी ही सभाएं कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए देश में पहले चरण का मतदान 12 अप्रैल को था। इसके बाद 19 एवं 23 अप्रैल को भी दूसरों राज्यों में मतदान हुए। मप्र में 29 अप्रैल को पहले चरण का मतदान हुआ। इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने 11 दूसरे प्रदेशों में करीब 35 सभाओं को संबोधित किया। शिवराज सिंह चौहान अभी तक मप्र में 175 से ज्यादा चुनावी सभाओं को संबोधित कर चुके हैं, जिसमें रोड शो एवं रैलियां भी शामिल हैं। मप्र भाजपा के राकेश सिह, गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा ने भी पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी सभाएं की, लेकिन इनमें से किसी भी नेता ने शिवराज से आधी सभाएं भी नहीं की। बल्कि कांग्रेस से भी किसी नेता ने इतनी सभाएं नहीं की है|
कठिन सीटों पर पहुंचे मोदी-शाह
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी मप्र में ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं की है। दोनों नेताओं ने उन लोकसभा क्षेत्रों में सभाएं की, जहां पार्टी प्रत्याशी कमजोर है। मोदी ने इटारसी, सीधी, जबलपुर, ग्वालियर, खंडवा, रतलाम, इंदौर, मंदसौर एवं सागर में चुनावी सभाएं की हैं। जबकि शाह ने मुरैना, भोपाल, खजुराहो, रीवा, नीमच, सीहोर, उज्जैन, देवास में सभाएं की है।