कुछ ही दिन पहले मध्य प्रदेश के सबसे वीआईपी रहे शिवराज सिंह चौहान ने क्या अब खुद को अब इस कैटेगरी से बाहर मान लिया है! उनके हालिया बयान से तो ऐसा ही कुछ लगता है। वे पत्रकारों से अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन की बात कर रहे थे और बातों ही बातों में उन्होने ऐसा कुछ कह दिया, जिसमें कहीं न कहीं यही संकेत मिल रहा है।
शिवराज सिंह चौहान वीआईपी स्थिति ?
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चर्चा कर रहे थे राम मंदिर उद्घाटन और रामलला प्राण प्रतिष्ठा की। इस दौरान जब पत्रकारों ने उसने पूछा कि क्या आप अयोध्या जाएंगे तो उन्होने जवाब दिया “मैं ओरझा जाऊंगा, अयोध्या में उस दिन बहुत वीआईपी रहेंगे इसलिए हर एक का वहां जाना संभव नहीं है। लेकिन बाद में अयोध्या ज़रुर जाऊंगा।” इस जवाब से दो बातें साफ होती है। पहली ये कि संभवत: उन्हें राम मंदिर उद्घाटन के लिए निमंत्रण नहीं मिला है। वहीं दूसरी खास बात ये कि अब वे खुद को ‘खास’ यानी वीआईपी नहीं मान रहे हैं। याद दिला दें कि मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद औपचारिक रूप से भी वे मध्य प्रदेश की वीआईपी लिस्ट में पहले नंबर से खिसककर पांचवें नंबर पर आ चुके हैं और अब उन्होने खुद ही कह दिया है कि उस दिन वहां काफी वीआईपी होंगे, इसलिए वे अयोध्या नहीं जा रहे हैं। इससे तो यही आशय निकलता है कि शिवराज ये मान रहे हैं कि वे अब वीआईपी श्रेणी में नहीं हैं।
ओरछा में शिवराज की पूजा
इसी दौरान चर्चा में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी का दिन बहुत महत्वपूर्ण है जब प्रधानमंत्री मोदी जी पूरे विधि विधान से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। उन्होने कहा कि राम तो हर जगह हैं, हरेक मंदिर भगवान का ही मंदिर है इसीलिए वो उस दिन ओरछा के रामराजा मंदिर में पूजा करेंगे। इसी के साथ शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस दिन को लेकर देशभर के लोगों में उत्साह का माहौल है और सभी मंदिरों में स्वच्छता अभियान भी चलाया जा रहा है। जहां स्वच्छता होती है वहीं भगवान होते है। उन्होने कहा कि राम हमारे रोम रोम में बसे हैं और हम सभी बाइस जनवरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।