भोपाल| मध्य प्रदेश में 13 साल तक मुख्यमंत्री रहकर हर चुनाव में अपनी अहम् भूमिका निभाने वाले शिवराज सिंह चौहान पर पार्टी हाईकमान ने एक बार फिर भरोसा जताया है| विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव भी शिवराज ही लीड करेंगे| राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शिवराज को चुनाव की कमान सौंपी है| इससे पहले कई नेताओं को हाई कमान ने परखा लेकिन शिवराज ही एक मात्र पसंद है जिन पर एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी है| शिवराज पांव-पांव वाले भैया के नाम से जाने जाते हैं, जो सबसे ज्यादा दौरे करते हैं और चुनावी समय में उन पर प्रत्याशियों के समर्थन में सबसे ज्यादा सभाएं करने की भी जिम्मेदारी रहेगी|
अब वे चुनाव का नेतृत्व करने के साथ-साथ केंद्रीय संगठन के सहयोग खर्च का जिम्मा भी संभालेंगे। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल मॉनिटरिंग करेंगे। 29 अप्रैल को पहले चरण के मतदान के पहले कहां-कहां किसकी रैलियां होंगी, कौन कहां सभा करेगा, यह भी शिवराज तय करेंगे। शिवराज 19 अप्रैल से मप्र में सभाओं और रैली की शुरुआत करेंगे। बताया जाता है कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लिया है।
अब तक यह साफ़ नहीं था कि प्रदेश में पूरे चुनाव को लीड कौन करेगा| केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह चूंकि खुद चुनाव मैदान में हैं, इसलिए वे सक्रिय नहीं थे। बीच-बीच में स्वतंत्र देव व सतीश उपाध्याय लोकसभा में बैठकें लेकर अपनी उपस्थिति दिखा रहे थे। नेता प्रतिपक्ष भार्गव और प्रभात झा भोपाल में होते हुए भी उनके दौरे कार्यक्रम तय किए गए। विनय सहस्त्रबुद्धे अपने कामों व्यस्त रहे। लोकसभा के हिसाब से मप्र का जिम्मा देख रहे अनिल जैन दिल्ली में रहे। चुनाव लीड कौन करेगा यह तय नहीं हो रहा था। पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल होने के बाद अब स्तिथि साफ़ हुई है कि अब शिवराज ही सब कुछ संभालेंगे| अब तक शिवराज राज्य से बाहर तो सभाएं ले रहे थे, लेकिन मप्र में उन्होंने सिर्फ प्रत्याशियों के नामांकन रैली में ही उपस्थिति दिखाई अब वे सभाएं भी करेंगे और पूरे चुनाव पर नजर भी रखेंगे| आलाकमान ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि शिवराज की योजना के अनुसार ही प्रदेश के बाकी नेता मूवमेंट करेंगे। इसके लिए मंगलवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, चुनाव प्रभारी स्वतंत्र देव, सह प्रभारी सतीश उपाध्याय और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बैठक की।