जबलपुर, संदीप कुमार। नकली इंजेक्शन के काले कारोबार के मुख्य आरोपी सिटी अस्पताल (City Hospital jabalpur) के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। इस रिपोर्ट के साथ ही एसआईटी टीम की कुछ मुश्किलें कम होंगी। एसआईटी जल्द ही आरोपी मोखा को रिमांड पर लेकर पूरे मामले में कड़ी दर कड़ी पूछताछ करेगी। इधर आरोपी राकेश शर्मा को जेल भेज दिया गया है।
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एसआईटी टीम की पूछताछ में ज्ञात हुआ है कि आरोपी सपन जैन और राकेश शर्मा आपसे में अच्छे मित्र है। दोनों सांठगांठ कर नकली इंजेक्शन का काला कारोबार कर रहे थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने बताया कि सरबजीत सिंह मोखा का संपर्क सुनील मिश्रा से देवेश चौरसिया ने कराया। इसके बाद सपन जैन और राकेश शर्मा का संपर्क मोखा से हुआ। राकेश शर्मा इंदौर में किसी कैचअप कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत था। एसआईटी ने राकेश शर्मा की वह कार जब्त की है जिसमें इंजेक्शन का काला कारोबार करता था, इसके अलावा उसका मोबाइल भी जब्त किया गया है।
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आरोपी राकेश शर्मा से एसआईटी टीम लगातार पूछताछ कर रही थी। इसी संबंध में राकेश शर्मा को रविवार की रात तिलवारा ले जाया गया था, जहां पहुंचकर उसने बताया कि किस तरह से नकली इंजेक्शन को उसने और सपन जैन ने ठिकाने लगाया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी का कहना है कि राकेश शर्मा ने सब कुछ उगल दिया इसलिए रिमांड नहीं ली गई है। लेकिन सरबजीत सिंह मोखा की रिमांड जल्द ही ली जाएगी।
मोखा के बेटे की तलाश में जुटी पुलिस
मोखा के फरार बेटे हरकरण की तलाश में पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। हरकरण के दोस्तों से पूछताछ भी जारी है। दोस्तों के द्वारा जिन जगहों पर हरकरण का होने का शक था वहां पुलिस ने दबिश दी है लेकिन इसकी खबर हरकरण को पहले लग जाती थी इसलिए वह एसआईटी के हाथों अभी तक नहीं लगा है। इस फर्जीवाड़े का नकली इंजेक्शन से क्या संबंध है, इसके बारे में टीम को हरकरण की गिरफ्तारी के बाद ही पता चल पाएगा।