नई दिल्ली/भोपाल।
लोकसभा चुनाव का सातवां और अंतिम चरण बाकी है उससे पहले ही कांग्रेस ने केंद्र में सरकार बनाने के लिए घटक दलों से बातचीत के लिए कवायद शुरू कर दी है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस केंद्र में अन्य दलों के साथ मिल कर सरकार बनाने की जुगत में है। इसके लिए यूपीएए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने अपने खास सिपाहसलार पर भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को सोनिया ने बड़ी अहम जिम्मेदारी सौंपी है।
दरअसल, इस बार लोकसभा चुनाव के परिणाम त्रिशंकु लोकसभा के दिखाई दे रहे हैं। बीजेपी की सीटों भी 2014 के मुकाबले कम होती दिख रही हैं। वहीं, महागठबंधन ने भी बीजेपी को सत्ता सिंहासन तक पहुंचने में अवरोध पैदा कर दिया है। ऐसे में अगर त्रिशंकु सरकार बनने की नौबत आने से पहले ही कांग्रेस अपनी चाल चलना चाहती है।
कमलनाथ निभाएंगे अहम भूमिका
राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस ने बीजद प्रमुख नवीन पटनायक, वाईएस कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी और टीआरएस के के चंद्रशेखर राव तक पहुंचने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा पार्टी के कुछ सीनियर नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। बताया जा रहा है कि कमलनाथ और इन नेताओं के बीच बातचीत भी शुरू हो गया है। कहा ये भी जा रहा है कि 23 मई को चुनाव परिणाम वाले दिन सोनिया गांधी विपक्षी नेताओं के साथ एक बैठक भी करेंगी।
कमलनाथ और पटनायक एक ही स्कूल में साथ पढ़े हैं और उनके बीच काफी अच्छी दोस्ती मानी जाती है। ऐसे में वह पटनायक को मनाने का काम करेंगे। वहीं, सूत्रों का कहना है कि डीएमके प्रमुख स्टालिन ने केसीआर को बैठक में सख्ती के साथ कहा है कि वह कांग्रेस को धोखा नहीं देंगे, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केसीएर को भी फेडरल फ्रंट खत्म कर कांग्रेस का साथ देना चाहिए। जिससे बीजेपी और उसके साथियों को रोका जा सके। लोकसभा चुनाव के दौरान सोनिया गांधी पूरी तरह से शांत थी लेकिन अब जब सत्ता हासिल करने की बारी आ रही है तो वो एक्टिव हो गईं हैं। इसलिए वो दिल्ली में बैठेकर ही चुनावी रणनीति तैयार कर रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोनिया गांधी ने प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को फोन करे उनसे जानकारी ली है कि वे चुनाव परिणाम के समय दिल्ली में रहेंगे की नहीं। इसलिए सोनिया गांधी पूरे प्लान के तहत उन पार्टी के नेताओं को एकजुट करने में जुटी हुईं है जिनका मोदी सरकार या फिर बीजेपी से मतभेद है।