भोपाल| भाजपा में शेष 8 सीटों को लेकर अंतिम दौर मंथन चल रहा है| इस बीच इंदौर सीट पर खुद को टिकट की दौड़ से बाहर कर चुकी सुमित्रा महाजन दिल्ली पहुँच गई हैं| यह उन्हें बाबा भीमराव आंबेडकर जयंती के कार्यक्रम में शामिल होना है| लेकिन इस दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात पर सबकी नजर है| ताई ने इंदौर पर बन रही असमंजस की स्तिति को लेकर पत्र लिखकर चुनाव लड़ने से खुद इंकार कर दिया था, इसे उनकी नाराजगी माना जा रहा है, क्यूंकि अब तक अमित शाह से ताई की मुलाक़ात और बातचीत नहीं हो पाई| दिल्ली में उनकी यह पहली मुलाक़ात होगी जिसके बाद इंदौर पर नाम फाइनल हो सकता है|
इंदौर में टिकट को लेकर चल रही खींचतान के बीच महाजन का दिल्ली में होना अहम् माना जा रहा आहे| महाजन इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अलावा राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे से मिले सकती हैं। ताई खुद चुनाव लड़ने से मना कर चुकी हैं, लेकिन चाहती हैं कि इंदौर का उम्मीदवार उनकी ही पसंद का हो| सूत्रों के मुताबिक ताई इंदौर सीट से अपनी तरफ से दो नाम बड़े नेताओं को दे सकती हैं। चुनाव लड़ने से मना करने के बाद महाजन पहली बार दिल्ली पहुंची हैं। खुद प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी थी, इसलिए माना जा रहा है कि महाजन उनसे मुलाकात कर सकती हैं।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव का नाम ताई के बाद प्रमुख दावेदारों में है| लेकिन ताई नहीं चाहेंगी कि उन्हें टिकट दिया जाये| इंदौर में ताई-भाई की अंदरुनी खींचतान जगजाहिर है, वहीं दूसरा कारण विजयवर्गीय के बेटे विधायक हैं और ऐसे में उन्हें टिकट दिया तो वंशवाद का आरोप लग सकता है, ताई इस तर्क को पार्टी के सामने रख सकती है| हालाँकि विजयवर्गीय बंगाल की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं| उन्होंने कहा है कि अभी पश्चिम बंगाल की चुनौती मेरे लिए सबसे बड़ी है। इंदौर की जनता तो मुझे बहुत प्यार करती है। हालांकि उन्होंने जोड़ा कि अगर पार्टी फिर भी करेगी तो निश्चित लड़ूंगा।