भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। अपनी कार्यप्रणाली को लेकर चर्चाओं में रहने वाले परिवहन विभाग (transport Department) के एक स्टेनो (Steno) के राजपत्रित किये जाने को लेकर बवाल मच गया है। दरअसल स्टेनो स्तर इस कर्मचारी को लगभग डेढ़ साल पहले गजेटेड यानी राजपत्र दर्जे का घोषित कर दिया गया था, जबकि मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) के सामान्य प्रशासन विभाग (Department of General Administration) की नियमों में किसी भी स्टेनो को राजपत्रित दर्जा देने का कोई प्रावधान नहीं है।
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दरअसल, ग्वालियर (Gwalior) में लंबे समय से पदस्थ सत्य सत्य प्रकाश शर्मा प्रथम श्रेणी स्टेनो पद पर कार्यरत है और लंबे समय से भी लगातार परिवहन आयुक्तों के स्टाफ में कार्यरत रहे हैं ।सत्य प्रकाश की कार्यप्रणाली को लेकर भी कई बार शिकायतें की गई है लेकिन अब एक हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है ।
भिंड जिले (Bhind District) के लहार से कांग्रेस विधायक (Congress MLA) और कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) में सामान्य प्रशासन मंत्री रह चुके डॉ गोविंद सिंह (Dr. Govind Singh) का आरोप है कि जब वे सामान्य प्रशासन मंत्री थे तब सत्य प्रकाश शर्मा को राजपत्रित दर्जा देने संबंधी फाईल उनके पास आई थी। फाइल का परीक्षण करने के बाद उन्होंने जब अधिकारियों से चर्चा की थी तब अधिकारियों ने साफ कहा था कि मध्य प्रदेश में किसी भी स्टेनो स्तर के कर्मचारी को राजपत्रित दर्जा नहीं किया जा सकता है और इसीलिए उन्होंने फाइल में अपनी टीप में लिख दिया था कि सत्य प्रकाश शर्मा को राजपत्रित दर्जा नहीं दिया जा सकता।
बावजूद इसके सत्य प्रकाश शर्मा को न केवल राजपत्रित दर्जा दे दिया गया बल्कि वे अब राजपत्रित अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं परिवहन आयुक्त कार्यालय ग्वालियर (Transport Commissioner Office Gwalior) में दे रहे हैं ।डॉक्टर गोविंद सिंह ने इसे गंभीर अनियमितता बताते हुए सत्य प्रकाश शर्मा पर भ्रष्टाचार (Corruption) के गंभीर आरोप लगाए हैं।
इसके अलावा तत्कालीन परिवहन आयुक्तों का संरक्षण प्राप्त होने का आरोप लगाते हुए मप्र विधानसभा (MP Assembly) में इस मामले को उठाने की बात कही है। वहीं इस मामले में मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत (Madhya Pradesh Transport Minister Govind Rajput) का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है और वह इस मामले की पूरी तरह जांच कराकर जांच कराएंगे और यदि किसी तरह की अनियमितता पाई जाती है तो आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी।
MP : मंत्री हुए हैरान, मैंने तो मना किया था फिर कैसे हो गया परिवहन कर्मी राजपत्रित pic.twitter.com/eNF5BqDGf7
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) February 26, 2021