इंदौर। विधानसभा में करारी हार के बाद एमपी में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया और 29 में से 28 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की।खास करके सबसे हाईप्रोफाइल सीट मानी जानी वाली इंदौर लोकसभा सीट पर। यहां बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी ने ना सिर्फ कांग्रेस के प्रत्याशी पकंज शिंघवी को हराया बल्कि वर्तमान सांसद सुमित्रा महाजन ताई का भी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 5 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की।हैरानी की बात तो ये है कि हाल ही में विधानसभा में कांग्रेस ने यहां शानदार प्रदर्शन किया था। इस क्षेत्र से प्रदेश की कांग्रेस सरकार में तीन मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, जीतू पटवारी और तुलसी सिलावट भी बने है।जिनकी इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ है , वही सीएम कमलनाथ ने भी मंत्रियों विधायकों को ना जीतने पर पद गंवाने की चेतावनी तक दे दी थी, बावजूद इसके वे सिंघवी को जीत नही दिला पाए।
खास बात ये है कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा प्रियंका गांधी ने यहां धुआंधार रोड शो किया था जिसमे जनसैलाब उमड़ पड़ा था, चारों तरफ कांग्रेस के नारे लगाए जा रहे थे, फूलों की बरसात हो रही थी, बावजूद इसके यहां जीत हासिल ना हो सकी।यहां तक कि तीनों मंत्री शहर में जिस जगह निवास करते हैं, वहां वे अपने बूथों पर भी कांग्रेस प्रत्याशी को नहीं जितवा पाए।विधानसभा इंदौर-4 के पलसीकर कॉलोनी में जहां लोक निर्माण मंत्री वर्मा का निवास है, वहां भी कांग्रेस 352 वोट से हार गई। वर्मा को तो इंदौर संसदीय सीट का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था। इसी तरह राऊ विधानसभा के बिजलपुर में उच्च शिक्षा मंत्री पटवारी के पटवारी चौक वाले बूथ नंबर-94 से कांग्रेस 48 वोट से हार गई।विधानसभा-तीन के जानकी नगर में जहां स्वास्थ्य मंत्री सिलावट का निवास है, उस बूथ से भी भाजपा प्रत्याशी को 309 वोट से जीत मिली। विधानसभा-5 में वल्लभ नगर में जहां कांग्रेस प्रत्याशी संघवी रहते हैं, वहां के बूथ नंबर-8 से भी वे खुद 102 वोट से हार गए।
चेतावनी के बाद भी कुछ नही कर पाए मंत्री-विधायक
बता दे कि इंदौर लोकसभा सीट की जीत के लिए मुख्यमंत्री मंत्रियों को पद गंवाने की धमकी तक दे चुके थे।बीते दिनों ही उन्होंने कांग्रेस नेताओं से दो टूक शब्दों में कहा था कि इंदौर सीट मेरे लिए प्रतिष्ठा का विषय है, इसे जीतने का इस बार बेहतरीन मौका है और इस पर पार्टी आलाकमान की भी नजर है। हर मंत्री को मैंने साफ कर दिया है कि उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र से लीड दिलाना ही है, ऐसा नहीं होने पर इस्तीफा जैसे सख्त कदम भी उठाए जा सकते हैं।कमलनाथ ने यह भी कहा था कि जिस विधायक ने अपने क्षेत्र में जितने वोटों से विधानसभा चुनाव जीता था, उन्हें इसी तरह लोकसभा चुनाव में भी इतनी ही लीड दिलाना है।बावजूद इसके मंत्री और विधायक जीत नही दिला पाए। ऐसे में इन मंत्रियों पर कार्रवाई होना तय है।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार शंकर लालवानी ने कांग्रेस उम्मीदवार पंकज सांघवी को पांच लाख से भी ज्यादा वोटों के अंतर से हरा दिया है। शंकर लालवानी को कुल 1068569 और कांग्रेस के पंकज सांघवी को 520815 वोट मिले हैं। इस सीट पर पिछले मुकाबलों की बात करें तो लगातार 7 बार बीजेपी की तरफ से सुमित्रा महाजन कुर्सी पर काबिज रहीं। वहीं, कांग्रेस आखिरी बार 1984 में यहां से लोकसभा का चुनाव जीती थी। शंकर लालवानी ने इंदौर से सुमित्रा महाजन ताई की सर्वाधिक लीड 4.66 लाख से भी आगे निकल गए हैं। इस प्रचंड जीत ने इंदौर में एक इतिहास रच दिया जिसका सालों सालों तक गुणगान किया जाएगा।