बैकफुट पर उमा भारती, Tweet कर दी यह सफाई

उमा भारती

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। ब्यूरोक्रेसी को लेकर दिए गए अपने बयान पर उमा भारती (Uma Bharti) ने सफाई दी है। उनका कहना है कि मुझे इस बात का रंज है कि मेरी भाषा आज असंयत थी लेकिन मेरे भाव अच्छे थे। दरअसल उमा भारती के एक वायरल वीडियो में उन्होंने ब्यूरोक्रेसी को राजनेताओं की चप्पल उठाने वाला बताया था।

उमा भारती के विवादित बोल, ब्यूरोक्रेसी की क्या औकात, हमारी चप्पल उठाती है

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कुछ देर पहले ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने ब्यूरोक्रेसी को लेकर दिए गए अपने विचारों पर खेद व्यक्त किया है। दरअसल दो दिन पहले भोपाल स्थित निवास पर मिलने गए ओबीसी प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के दौरान उमा भारती ने कहा था कि ब्यूरोक्रेसी की औकात ही क्या है! वह तो राजनेताओं के चप्पल उठाती है। राजनेता जैसा कहते हैं, वह वैसा ही करती है। अब इस पर उमा भारती ने ट्वीट करके कहा है कि यह मुलाकात औपचारिक नहीं थी और उसका वीडियो मीडिया में वायरल हुआ है। उमा ने कहा है कि मुझे रंज है कि मैंने असंयत भाषा का प्रयोग किया, जबकि मेरे भाव अच्छे थे। मैंने अबसे यह सबक भी सीखा कि सीमित लोगों के बीच अनौपचारिक बातचीत में भी संयत भाषा का प्रयोग करना चाहिए।

उमा भारती ने यह भी लिखा है कि सच्चाई यह है कि ईमानदार ब्यूरोक्रेसी सत्ता में बैठे हुए मजबूत सच्चे और नेक इरादे वाले लोगों का साथ देती है। यही मेरा अनुभव है। अपने इस ट्वीट में उमा भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी ट्विटर अकाउंट को टैग किया है। पहले उमा के बयान के बाद बवाल मच गया था और कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया था कि आखिरकार उमा भारती ब्यूरोक्रेसी के लिए किस तरह की भाषा का प्रयोग कर रही हैं। इसके बाद उमा भारती को अपनी सफाई देनी पड़ी।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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