भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में एक बार फिर से विंध्य प्रदेश (vindhya pradesh) बनाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी (narayan tripathi) पार्टी दबाव के बावजूद विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर सख्त नजर आ रहे हैं। मध्य प्रदेश में 22 फरवरी 2021 से बजट सत्र (budget session) शुरू किया जा रहा है। इससे पहले विंध्य क्षेत्र की मांग एक बार फिर भोपाल (bhopal) पहुंच गई है। वही खबर है कि जल्द ही इसपर बड़ा आंदोलन तैयार किया जा सकता है।
दरअसल भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी मध्य प्रदेश की मांग को लेकर भोपाल पहुंचे थे। भोपाल में मंत्रालय के सामने उन्होंने विंध्य प्रदेश की मांग को प्रखर करते हुए सम्मेलन किया। इतना ही नहीं बीजेपी एमएलए (bjp mla) नारायण त्रिपाठी ने सम्मेलन में लोगों से विंध्य प्रदेश बनाने के लिए समर्थन की मांग की।
हालांकि मंत्रालय के सामने सम्मेलन करने पर अरेरा हिल्स पुलिस ने नारायण त्रिपाठी को रोकने की कोशिश की। जिस पर उनका कहना था कि यह सम्मेलन प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर किया जा रहा है, मंत्रालय सब का है। इस दौरान बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने मंत्रालय के सामने जो कि बस्ती के लोगों को संबोधित करते हुए समर्थन की मांग की।
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वही मीडिया (media) से बात करते हुए नारायण त्रिपाठी ने कहा कि मंत्रालय के सामने भीम नगर में बड़ी संख्या में विंध्य प्रदेश के लोग रहते हैं। जिन्हें मैं जागरूक करने आया हूं। वही प्रतिबंधित क्षेत्र में आयोजन करने के सवाल पर नरेंद्र पार्टी ने कहा कि मंत्रालय सब का है और सभी अपने हैं।
बता दें कि बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी कई समय से विंध्य प्रदेश की मांग कर रहे हैं। वहीं उन्होंने कहा है कि विंध्य प्रदेश के मामले में उनकी लड़ाई ही अंतिम लक्ष्य है। इससे पहले एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा था कि आने वाले दिनों में एक बड़ा जन आंदोलन विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर किया जाएगा।
इतना ही नहीं विधायक त्रिपाठी लगातार सतना, रीवा और सीधी में जगह जगह बैठ कर कर रहे हैं। और साथ ही जन समर्थन जुटा रहे हैं। गौरतलब हो कि यह पहली बार नहीं है जब इंद्र प्रदेश की मांग की गई है मध्यप्रदेश की चर्चा इससे पहले कई बार मध्य प्रदेश के इतिहास में की जा चुकी है। 1956 को मध्य प्रदेश का गठन हुआ था। तभी से अलग मध्य प्रदेश बनाए जाने की मांग जारी है लेकिन लगातार छह दशकों से उठे इस मांग को किसी न किसी वजह से दबा दिया जाता है। अब ऐसे में नारायण त्रिपाठी द्वारा किए जा रहे अलग विंध्य प्रदेश की मांग किस तरफ मोड़ लेती है यह देखना दिलचस्प है।