नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। क्रिप्टो कंपनी एथेरम (Crypto Company Ethereum) के फाउंडर विटालिक ब्यूटिरिन (Vitalik Buterin) ने भारत को एक बिलियन डॉलर की कीमत से अधिक की क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) दान की है। यह राशि विटालिक ब्यूटिरिन ने भारत को कोविड-19 (Covid-19) से लड़ने के लिए दान की है। इस दान को मीम डिजिटल करेंसी के रूप में दिया गया है, जिसे शीबा इनु क्वाइन (Shiba Inu coin) कहा जाता है। शीबा इनु के रचनाकारों ने इन कुत्ते की थीम वाले मेम टोकन का 50 प्रतिशत ब्यूटिरिन को उपहार में दिया था। लेकिन दुनिया के सबसे कम उम्र के क्रिप्टो अरबपति 27 वर्षीय ब्यूटिरिन ने इसे दान करने का फैसला किया।
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जानकारी के अनुसार विटालिक ब्यूटिरिन ने करीब 500 एथेरम (Ethereum) और 50 ट्रिलियन शीबा इनु क्वाइन (Shiba Inu coin) को ‘कोविड-क्रिप्टो रिलीफ फंड’ ( Covid-Crypto Relief Fund ) में दान दिया है। ‘कोविड-क्रिप्टो रिलीफ फंड’ की स्थापना भारतीय टेक एंटरप्रेन्योर संदीप नेलवाल (Tech enterpreneur Sandeep Nelwal) ने की है। जिसको लेकर संदीप नेलवाल ने कहा कि हमने शुरू में भारत के सभी तीन क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों में CoinDCX, WazirX and BitBNS द्वारा दिए गए मदद पर विचार किया था, लेकिन इसमें जोखिम होने के चलते हमने खुद का फंड बनाया।
Thanks @VitalikButerin
One thing we have learnt from Ethereum and @VitalikButerin is importance of community
We will not do anything which hurts any community specially the retail community involved with $SHIB
We will act responsibly!
Plz dont worry $SHIB holders. https://t.co/M4GxTR0JAn
— Sandeep AggLayer. polygon 💜 (@sandeepnailwal) May 12, 2021
संदीप नेलवाल ने ट्वीट कर विटालिक ब्यूटिरिन को इस दान के लिए धन्यवाद किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि,‘शुक्रिया विटालिक ब्यूटिरिन, हमने एथेरम और विटालिक ब्यूटिरिन से समुदाय का महत्व सीखा है। हम ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे, जिससे किसी समुदाय विशेषकर रिटेल समुदाय को नुकसान पहुंचे। हम जिम्मेदारी से काम करेंगे। SHIB होल्डर्स को चिंता करने की जरूरत नहीं है।’ दरअसल विटालिक द्वारा किए गए इस दान की वजह से शीबा इनु की कीमतों में पिछले 24 घंटे में 35 फीसदी तक गिरावट हुई है।
भारत काम नहीं करती क्रिप्टो करेंसी
विटालिक ब्यूटिरिन द्वारा दान की गई करेंसी की कीमत 1.14 बिलियन डॉलर से अधिक है। ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत में क्रिप्टो करेंसी को सरकार ने अभी तक वैध नहीं किया है। बता दें कि भारत कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second Wave) से जूझ रहा है। जहां लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या के चलते अस्पतालों में बेड, दवाइयों, ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सीय उपकरणों की भारी किल्लत का सामना कटना पड़ रहा है। ऐसे में कोरोना से निपटने के लिए दुनियाभर से भारत की मदद के लिए हाथ बढ़ाए जा रहे हैं।