सूत्रों की माने तो जिस तरह से SDO पांढरे लगातार रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही थी। उस हिसाब से उनके तबादले की चर्चाएं आम थी। इसी बीच लेडी सिंघम SDO श्रद्धा पांढरे का तबादला उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर क्षेत्र में किया गया है। बता दें कि बीते ढाई महीने से SDO पांढरे लगातार अवैध रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई कर रही थी इस दौरान उन पर 12 से ज्यादा बार हमले भी किए गए रेत माफियाओं ने उन पर firing तक का प्रयास किया था।
जबकि रेत माफिया को संरक्षण देने वाले राजनेता भी बीते 2 महीने से करवाईयों से बेहद दुखी थे। हालांकि एसडीओ श्रद्धा पांढरे ने रेत माफियाओं के साथ साथ मुरैना पुलिस पर भी जमकर आरोप लगाए थे। वन विभाग के एसडीओ श्रद्धा पांढरे का माफियाओं के साथ-साथ पुलिस से भी टकराव होता रहा, पुलिस से सहयोग न करने पर उन्होंने थाना प्रभारियों को भी कई बार कटघरे में खड़ा किया है।
इसके अलावा 3 महीने के कार्यकाल के दौरान एसडीओ श्रद्धा पांढरे ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की। जिसके बाद उन पर कई तरह के हमले हुए भारतीय जनता पार्टी के विधायक (BJP MLA) सूबेदार सिंह ने एसडीओ श्रद्धा पांढरे का खुला विरोध करना शुरू कर दिया था। तभी से माना जा रहा था कि आज नहीं तो कल एसडीओ का तबादला जरूर किया जाएगा।
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मामले में एसडीओ श्रद्धा पांढरे का कहना है कि उनके तबादला के पीछे प्रशासन और रेत माफिया हैं। रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के दौरान उन्होंने पुलिस प्रशासन की पोल खोली है। जिसके कारण उनका तबादला करवाया गया है। एसडीओ श्रद्धा पांढरे ने कहा कि मुरैना में रेत माफिया खुलेआम प्रशासन को चुनौती देते हुए अवैध रेत खनन में लगे हुए हैं। इसके साथ ही प्रशासन द्वारा अवैध खनन को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। पुलिस प्रशासन रेत माफियाओं के साथ मिलकर इस काम को बढ़ावा दे रहा है।
वहीं अपने ट्रांसफर में पुलिस की भूमिका पर बोलते हुए श्रद्धा पांढरे ने कहा कि जब अधिकारी रेत माफियाओं के खिलाफ शिकायत लेकर पुलिस के पास जाते हैं तो उन्हें कई घंटो तक इंतजार करना पड़ता है। जो धाराएं रेत माफियाओं के खिलाफ लगती है। उन पर वह धाराएं नहीं लगाई जाती है। बीते दिनों एसडीओ श्रद्धा पांढरे ने पुलिस थाने के निर्माण में उपयोग की जरूरत को चंबल नदी की अवैध रूप से उत्पन्न की गई रेत बता कर उसे जप्त कर लिया था। जिसके बाद ठेकेदार सहित पुलिस डिपार्टमेंट के कुछ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए उन्होंने अपनी मुद्रा के साथ थाने में आवेदन दिया था। हालांकि पुलिस ने मामला तो दर्ज नहीं किया था लेकिन तनाव की स्थिति लगातार बढ़ती चली गई थी।
वही लेडी सिंघम एसडीओ श्रद्धा पांढरे के तबादला पर अब कांग्रेस (congress) ने भी शिवराज सरकार (shivraj government) को घेरने का काम किया है। इस मामले में के के मिश्रा (kk mishra) का कहना है कि चंबल में रेत माफियाओं की सामने सरकार ने आत्मसमर्पण कर दिया माफियाओं के मात्र 94 दिनों में 15 हमले सहने वाली आयरन लेडी श्रद्धा पांढरे का तबादला कर दिया गया है। सीएम माफियाओं को नहीं ईमानदारों को ही 10 फीट गड्ढे में गाड़े हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस क्या यही है?