नए सत्र से पहले MP स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बड़ा बयान

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 1 अप्रैल से नया सत्र शुरु होगा या नहीं, इस पर अबतक फैसला नहीं हो पाया है, लेकिन इससे पहले मध्य प्रदेश (MP) के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) का बड़ा बयान सामने आया है। इंदर सिंह परमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति  (New education policy)  में कमी को घटाने का प्रयास किया है। शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। शिक्षक अपने आपको ढालने का प्रयास करेंगे।

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दरअसल, आज स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतर्गत प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा एवं बच्चों की बुनियादी साक्षरता के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के मंत्रालय में लोकार्पण में पहुंचे थे।जहां उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति  में बड़े परिवर्तन के साथ नई चुनौतियों को भी बदलना होगा।शिक्षक ही जीवन में बदलाव ला सकते हैं। बुनियादी शिक्षा का आधार है। शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। भावी भारत की नीव तैयार कर नई शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।

परमार ने कहा कि  हमारे देश की परम्परा में शिक्षक महती भूमिका निभाते हैं और बच्चों में संस्कार विकसित करते हैं।मानव का सर्वाधिक मानसिक विकास 6 वर्ष तक की आयु तक होता है। इसलिए आज हम बच्चों की बुनियादी शिक्षा और बाल्यावस्था शिक्षा पर शिक्षकों के लिए दो प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ कर रहे हैं। ये दोनो कार्से शिक्षकों एयर विभाग के साथ ही समाज के लिए भी बेहद उपयोगी होंगे।

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इस दौरान इंदर सिंह परमार ने स्कूल शिक्षा विभाग  (School Education Department) के मुखिया के रूप में सभी अधिकारी-कर्मचारियों, शिक्षकों (Teacher) और विद्यार्थियों (Student) से अपील की है 27 मार्च शनिवार को रात्रि 8.30 से 9.30 तक एक घंटे के लिये अपने घरों और कार्यालयों में अनावश्यक बिजली न जलायें। बल्ब, ट्यूबलाईट बंद रखें और ग्लोबल अर्थ ओवर कैम्पेन का समर्थन करें।

नई शिक्षा नीति

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरूण शमी ने कहा कि प्राथमिक कक्षाओं में प्रवेश के पहले बच्चों को स्कूली शिक्षा के लिये तैयार करने की आवश्यकता होती है। नई शिक्षा नीति 2020 में 3-6 आयु वर्ग के बच्चों को नए ढांचे में शामिल कर प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा से संबंधित एक महत्वपूर्ण लक्ष्य भी दिया गया है। इसके अनुसार वर्ष 2030 तक सार्वभौमिक गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा के प्रावधान को प्राप्त करना है।

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उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा सीएम राइज शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतर्गत दीक्षा प्लेटफार्म पर प्रथम चरण में सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से बुनियादी साक्षरता पर आधारित 6 कोर्स की एक डिजिटल प्रशिक्षण श्रृंखला तैयार की गई है। बुनियादी साक्षरता की इस कोर्स श्रृंखला के माध्यम से हमारे शिक्षक बच्चों में मौखिकता के निर्माण, साक्षरता कौशल को बेहतर रूप से सिखाने के लिए मातृभाषा और घरेलू भाषा की भूमिका, साक्षरता अनुकूल शिक्षण स्थान बनाने के लिए प्रिंटसमृद्ध वातावरण की भूमिका एवं छात्रों के पढ़ने के प्रवाह को विकसित करने की विभिन्न रणनीतियों के बारे में जान पाएंगे।

शिक्षकों के के लिए दीक्षा प्लेटफार्म 

आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत ने कहा कि वन नेशन प्लेटफार्म के अंतर्गत सभी डिजिटल प्रशिक्षणों को शिक्षा मंत्रालय भारत के दीक्षा प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराया जा रहा है। दीक्षा प्लेटफार्म शिक्षकों को अपनी गति से सीखने की सुविधा देता है। विषय-विशेषज्ञों के अकादमिक सहयोग से इस श्रृंखला के सभी विषयों को विभिन्न सत्रों में विभाजित किया गया है। इसमें शिक्षक ऑनलाइन एवं रोचक तरीकों से अपने ज्ञान व कौशलों को समृद्ध करने में सक्षम होंगे।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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