भोपाल।
लोकसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में पहुंच चुका है, कल एमपी में चौथे चरण की वोटिंग होना है और 23 मई को परिणाम आने है, इसी बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता और पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया का यूं अमेरिका जाना चर्चा का विषय बन गया है।सियासी गलियारों में सिंधिया के दौरे को लेकर तरह तरह के सवाल खड़े हो रहे है, मीडिया में भी कई तरह की अटकलों का दौर लगना शुरु हो गया है, वही विपक्ष भी चुटकी लेने से बाज नही आ रहा है। हालांकि कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सिंधिया अमेरिका में अपने बेटे की ग्रेज्युएशन सेरेमनी के लिए गए हैं, लेकिन मंत्रियों-विधायकों से संपर्क में है।
दरअसल, ग्वालियर-चबंल में चुनाव के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि आखरी चरण में सिंधिया यूपी और एमपी में तबाड़तोड़ दौरे और सभाएं कर वोटरों को साधने की कोशिश करेंगें लेकिन ऐसा कुछ भी नही हुआ।सिंधिया के अमेरिका चले जाने पर आखरी दौर में पार्टी अध्यक्ष राहुल के साथ महासचिव प्रियंका और सीएम कमलनाथ को मोर्चा संभालना पड़ा।लेकिन सिंधिया की कमी पूरे प्रचार में चर्चा का विषय बनी रही।यहां तक की सिंधिया ने सोशल मीडिया से भी दूरी बना ली है। आखरी बार सिंधिया ने 13 मई को ट्वीट नहीं किया था और12 मई को वोटिंग के बाद धार में एक चुनावी सभा की थी, इसके बाद कोई ट्वीट नही किया। ऐसे में आखरी दौर में चुनाव कैंपेन को छोड़कर सिंधिया का विदेश जाना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है।
वही सिंधिया के इस दौरे को लेकर बीजेपी ने भी तंस कसना शुरु कर दिया है, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज का कहना है कि कांग्रेस में बिखराव है, अंतर कलह मचा हुआ, अंदर के हालात बिलकुल ठीक नही है, कोई किधर जा रहा है कोई किधर, इस कारण सिंधिया बीच चुनाव में ही अमेरिका चले गए।हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव सिंह का कहना है कि इस बार हम दोगुनी ताकत से सीट निकालेंगे।सिंधिया अमेरिका में अपने बेटे की ग्रेज्युएशन सेरेमनी के लिए गए हैं, वहां से भी वे लगातार संपर्क में हैं, अपने समर्थक सभी मंत्रियों- विधायकों को उन्होंने अपने क्षेत्र में सक्रिय रहने और जिम्मेदारी से काम करने के लिए कहा है।सिंधिया मंगलवार की रात इंग्लैंड के लिए रवाना हो गए थे। सिंधिया परिणाम से एक दिन पहले 22 मई को भारत वापस आएंगे।
मालवा- निमाड़ की सीटें सबसे अहम
19 मई को आखिरी दौर की वोटिंग है। इसमें मालवा- निमाड़ की आठ सीटें आ रही हैं। यह वे इलाके हैं, जिसके दम पर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी का रास्ता तय किया है। करीब 80 विधानसभा सीटों वाला यह इलाका कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद रहा। यहां इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, देवास, खंडवा, खरगोन, धार, रतलाम जैसी सीट आती हैं, जिनमें से पांच सीटें एससी और एसटी वर्ग की हैं।