नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ जहां दुनिया कोरोना वायरस से उभरी नहीं है और दूसरी नए-नए वायरस का खतरा सामने आ रहा है। Marburg वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ संगठन ने चेतावनी दे दी है। फिलहाल कोविड-19 के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं, जो चिंता का विषय बन चुका है। वहीं मंकीपॉक्स के मामले भी कई देशों में बढ़ते नजर आ रहे हैं। इसी बीच इस वायरस का खतरा एक बड़े खतरे का सिग्नल भी हो सकता है।
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अफ्रीका के घाना में मारबर्ग वायरस के ऐक्टिव मामले सामने आए हैं। डबल्यूएचओ ने कहा की संक्रमित लोगों के सैम्पल के बाद मारबर्ग वायरस की पुष्टि की गई है। हालांकि विशेषज्ञों का यह मानना है की यह वायरस नया नहीं है, इससे पहले भी अफ्रीकी देशों में इसके मामले साल 1967 में दिख चूकें हैं। लेकिन इसके मामले चिंता का विषय है। मारबर्ग वायरस की मृत्यु डर 88% है और फिलहाल इसकी कोई वैक्सीन भी मौजूद नहीं है। यह वायरस भी इबोला से संबंधित है और स्किन टू स्किन टच से फैलता है। मारबर्ग वायरस के लक्षण भी फ्लू जैसे ही हैं।