Brain Fog : कभी-कभी ऐसी स्थितियाँ हो जाती हैं, जब हम सभी समय पर कुछ-कुछ चीजें भूल जाते हैं, चाहे वो मीटिंग की डेडलाइन हो या किसी दोस्त की पार्टी का इंवाइट। दरअसल, आजकल के बिजी लाइफस्टाइल में मेंटल प्रशेर बढ़ रहा है। पारिवारिक समस्याएं, ऑफिस की चिंता, भविष्य की प्लानिंग करने में दिमाग इतना थक जाता है कि उसे आराम करने का बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता। जिस कारण कई बार लोगों के दिमाग से कई बातें स्किप हो जाती है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं और ब्रेन फॉग जैसी समस्या भी लोगों में काफी आम हो गई है। यह तनाव, अनियमित नींद, थकान, असंतुलित आहार और जीवनशैली में बदलाव के कारण हो सकती है।

दरअसल, ब्रेन फॉग एक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति अपनी मानसिक क्षमता और ध्यान की क्षमता में कमी महसूस करता है। इस दौरान व्यक्ति को याद रखने, ध्यान देने या सही प्रकार से कार्य नहीं कर पाते।
ब्रेन फॉग के लक्षण
- ध्यान न दे पाना
- याद न रख पाना
- संकेतों को समझने में कठिनाई
- निर्णय लेने में कठिनाई
- मानसिक क्षमता में कमी महसूस करना
जानें कारण
नींद की कमी: नींद हमारे दिमाग और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। जब हमारी नींद पूरी नहीं होती, तो यह हमारी मानसिक और शारीरिक क्षमताओं पर असर डालती है। नींद की कमी से ब्रेन फॉग जैसी समस्या हो सकती है, जिससे हमारी मानसिक क्लियरिटी, कार्य क्षमता, और याददाश्त प्रभावित होती है।
हार्मोनल बदलाव: हार्मोनल बदलाव जैसे कि पीरियड्स, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के समय हार्मोन्स में परिवर्तन होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोन्स जैसे कि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन की मात्रा में बदलाव होता है जो मानसिक स्तिथि पर प्रभाव डाल सकता है। कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान या बाद में याददाश्त में कमी का अहसास हो सकता है। इसलिए इन बदलावों के दौरान अच्छी नींद, सही आहार, व्यायाम और स्ट्रेस मैनेजमेंट करें।
निम्नलिखित बातों का रखें ध्यान
समय पर नींद: नियमित और पर्याप्त नींद लें।
संतुलित आहार: स्वस्थ और पौष्टिक आहार लें।
नियमित व्यायाम: योग, ध्यान या कोई भी व्यायाम आपके मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।
स्ट्रेस प्रबंधन: स्ट्रेस को कम करने के लिए मेडिटेशन करें।
सोशल सपोर्ट: अपने परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताएं।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)





