Health Issues: ग्लूकोमा एक ऐसी बीमारी है जो आंख की नर्व को नुकसान करती है, जिससे व्यक्ति की दृष्टि में दिक्कत होती है और अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह विकार विकसित होकर व्यक्ति की आंखों से रोशनी भी छीन सकता है। देशी भाषा में इसे आमतौर पर ‘कंजिवा’ या ‘काला पानी’ भी कहा जाता है।
विशेषज्ञों ने बताया की, “ग्लूकोमा को पहचानना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह धीरे-धीरे बढ़ता है और पहले तो इसके लक्षण सामान्यत: दिखाई नहीं देते। वृद्धावस्था में यह समस्या आम है, लेकिन आजकल हम देख रहे हैं कि इसने बच्चों को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया है। इसमें बच्चों की आंखों का प्रणाली समाहित है, और यह दिन पर दिन बढ़ता है।”
ग्लूकोमा के लक्षण:
ग्लूकोमा के लक्षणों में आंखों के अंदर दबाव की बढ़ोतरी, आंखों का लाल होना, दृष्टि कमजोर होना, दर्द और मांसपेशियों में खिंचाव होना शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाता है, तो यह बीमारी बढ़ सकती है और अंत में व्यक्ति अपनी आंखों की रोशनी खो सकता है।
जानकारी के अनुसार बच्चों में ग्लूकोमा की शुरुआत आमतौर पर उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, और अनुवादित जननांग संकट के कारण होती है। यह अनुसंधान बच्चों के लिए इस बीमारी के प्रकोप को निरंतर बढ़ रहा है और इसमें सही समय पर इलाज की आवश्यकता है।
नियमित आंखों की जाँच:
ग्लूकोमा को पहचानने के लिए नियमित आंखों की जाँच और रेगुलर चेकअप की जरूरत है, विशेषज्ञों का मानना है कि इससे गहरी समस्याएं पहले ही पहचानी जा सकती हैं और उपचार में सफलता हासिल की जा सकती है। इसे अगर सही समय पर नजरअंदाज नहीं किया गया, तो इसका उपचार आसान हो सकता है और व्यक्ति अपनी आंखों की स्वस्थता को बनाए रख सकता है।
Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।