हेल्थ, डेस्क रिपोर्ट। इस सदी की सबसे खतरनाक बीमारी के तौर पर कोरोना वायरस महामारी सामने आई। इस बीमारी ने अब तक 61 लाख लोगों की जान ले चुकी है, विश्वभर में। इसके साथ ही कोरोना कई वैरिएंट का रूप ले चुका है। जब कोविड की पहली और दूसरी लहर आयी थी उस समय संक्रमित लोग अपने स्वाद और गंध की क्षमता खो दी थी। जब आपने भी सुना होगा इस बारे में तो आपको जानने की इच्छा हुई होगी कि आखिर ऐसा क्यों हुआ?
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तो आइये इस संबंध में हम जानते हैं कि क्यों स्वाद और गंध की समस्या हो जाती थी। शुरुआती दौर में वैज्ञानिकों का मानना था कि गंध की कमी ऑल्फेक्ट्री डायफंक्शन के नुकसान की वजह से है। इसका एक कारण कोरोना वायरस का सबसे आम लक्षण इन्फ्लुएंजा के साथ अन्य वायरस का मिश्रण है। पर अब एक नए अध्ययन ने जो सबूत इकट्ठा किए हैं, उसके अनुसार गंध का नुकसान नाक के मार्ग में सूजन और रुकावट के कारण होता है।
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अध्ययन क्या कहता है?
सिंगापुर के शोधकर्ताओं द्वारा यह अध्ययन किया गया है। द लैरींगोस्कोप में इस अध्ययन को प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं द्वारा विश्लेषण कर पता लगाया कि क्यों कोरोना वायरस संक्रमण से संक्रमित मरीजों में सूंघने की क्षमता कम हो जाती है। परिक्षण में मरीजों के ऑल्फेक्टरी स्ट्रक्चर्स में परिवर्तन देखे गए।
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ऑल्फेक्टरी क्लेफ्ट COVID-19 और ऑल्फेक्टरी डायफंक्शन के रोगियों में नियंत्रण के विपरीत लगभग 16 गुना अधिक था। ऑल्फेक्टरी दरारें हवा के अणुओं को संवेदी ऑल्फेक्टरी न्यूरॉन्स तक पहुंचने के लिए मार्ग देती हैं, जो मस्तिष्क से जुड़ती हैं ताकि व्यक्ति को गंध का अनुभव हो सके।