खर्राटों ने कर रखा है नाक में दम? जानें ये 4 टिप्स और पाएं राहत

Health: खर्राटे आना एक आम समस्या है, लेकिन यह नींद की गुणवत्ता को खराब कर सकती है और कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।

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Health: खर्राटे की समस्या बेहद ही आम है। अक्सर कई लोग अपने या अपने परिवार के किसी सदस्य के खर्राटे से परेशान रहते हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे खर्राटों की समस्या भी बढ़ती है। खर्राटे ना सिर्फ नींद को खराब करते हैं बल्कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकते हैं।

इसलिए अगर आपको खर्राटे आते हैं या आपके परिवार में किसी को खर्राटे आते हैं तो सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि आखिर खर्राटे क्यों आते हैं, ताकि प्रभावी ढंग से इसका उपचार किया जा सके। इसी के साथ चलिए इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि खर्राटों के क्या कारण है और इसे रोकने के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं।

खर्राटे को न करें नजरअंदाज

खर्राटे केवल एक समस्या नहीं है बल्कि कई बार यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी संकेत हो सकते हैं। लंबे समय तक खर्राटे लेने से न सिर्फ नींद की गुणवत्ता खराब होती है, बल्कि इससे दिनभर थकान, चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी महसूस हो सकती है। इतना ही नहीं खर्राटे लेने की वजह से स्लिप एपनिया जैसी गंभीर स्थितियों भी उत्पन्न हो सकती है। जो कई बार हृदय रोग, स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।

खर्राटे के प्रमुख कारण (Causes of snoring)

1. नाक में सूजन एलर्जी या संरचनात्मक समस्याएं हवा के प्रवाह को रोक सकती है।

2. कई बार पीठ के बल सोने से हवा का मार्ग संकरा हो जाता है और खर्राटे आने की संभावना बढ़ जाती है।

3. अतिरिक्त वजन गले और ऊपरी वायु मार्ग में दबाव डालता है जिससे खर्राटे आ सकते हैं।

4. शराब पीने से गले की मांसपेशियां शिथिल हो जाती है और हवा का मार्ग संकरा हो जाता है

5. स्लिप एपनिया जिससे नींद के दौरान बार-बार सांस रुक जाती है। जिस वजह से हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम हो सकते है और इसी वजह से कई बार खर्राटे भी आते हैं।

खर्राटे से कैसे छुटकारा पाएं

1. अगर आप खर्राटे की समस्या से परेशान है तो सोने की पोजीशन बदलें। आमतौर पर पीठ के बल सोने से खर्राटे आने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो करवट लेकर सोना बेहतर उपाय रहेगा। इस बात का ध्यान रखें कि पेट के बाल नहीं सोना है।

2. अधिक वजन भी खर्राटे का मुख्य कारण हो सकता है। वजन बढ़ने की वजह से हमारे गले और गर्दन के आसपास फैट जमा हो जाता है, जिस वजह से खर्राटे की समस्या हो सकती है। वजन कम करने से फैट भी कम हो जाएगा और हवा का मार्ग खुल जाएगा जिससे खर्राटे कम हो सकते हैं।

3. जब हम पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं तो हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है इससे हमारी नाक और गले के अंदरूनी हिस्से सूख जाते हैं। पानी की कमी की वजह से भी खर्राटे की समस्या हो सकती है। इसलिए रोजाना 7 से 8 गिलास पानी पीना जरूरी है।

4. अपना स्लीपिंग रूटिंग सुधारें। इसका मतलब है कि रोजाना एक निश्चित समय पर सोएं और उठें। ऐसा करने से आपकी बॉडी क्लॉक सेट हो जाएगी, और इससे आपको नींद आने में आसानी होगी। जब पर्याप्त मात्रा में आप नींद लेंगे तो खर्राटे की समस्या भी धीरे-धीरे कम हो जाएगी। नींद पूरी करने से शरीर और दिमाग ठीक से काम करता है और खर्राटे आने की संभावना कम होती है।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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भावना चौबे

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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