ADHD: आजकल बच्चों में कई तरह की बीमारी देखने को मिलती है। दरअसल कुछ बिमारियों की पहचान जल्द नहीं की जाए तो यह गंभीर समस्या बन जाती है। ऐसी एक बीमारी है ADHD यानी अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर जो बचपन से ही शुरू होता है और बड़े होने तक बना रहता है।
क्या होते है इसके लक्षण?
दरअसल इसके लक्षणों में फोकस करने में मुश्किल, गुस्सा, चिड़चिड़ापन, ध्यान केंद्रित करने में मुश्किलता, कंफ्यूज रहना, भूलने की समस्या, व्याकुलता, एक जगह पर बैठे रहना जैसी समस्या शामिल होती हैं। तो चलिए आज हम इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी आपको इस लेख में देने वाले है।
क्या है इसका इलाज?
दरअसल इस डिसऑर्डर का बड़ा कारण जेनेटिक गुण, गड़बड़ खानपान, दिमागी चोट या फिर मस्तिष्क का सही विकास न हो पाना हो सकता है। वहीं इसके बचाव के लिए बच्चों को बातचीत करने में रुचि रखना चाहिए, इसके साथ ही उन्हें इससे बचाव के लिए रेगुलर एक्टिविटी में भी शामिल होना चाहिए। दरअसल उन्हें ऐसे कई डेली रूटीन बनाना चाहिए जिसमें वे अपने आस पास के लोगों से जुड़ सके। इसके साथ ही चिकित्सा के साथ साथ बच्चों की काउंसलिंग और टॉकिंग थेरेपी भी फायदेमंद हो सकती है।
दरअसल इस डिसऑर्डर का सही इलाज न करने से बच्चों की जीवनशैली और उनकी व्यक्तित्विकता पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए, अगर किसी बच्चे में इस तरह की समस्याएं दिखाई दे रही हैं, तो उन्हें तुरंत एक पेडियाट्रिशियन या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर के पास ले जाना चाहिए।
अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) के मामले में सही इलाज और समर्थन से बच्चे के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं। इसलिए, इस समस्या को ठीक से समझकर उचित इलाज करना जरूरी है।
(Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।)