Mental Health Tips : बढ़ती महंगाई को देखते हुए काम करने में भी लोगों में होड़ लगी हुई है। दुनिया के साथ-साथ पारिवारिक जिम्मेदारी को संभालना इंसान के लिए काफी ज्यादा डिफिकल्ट और चैलेंजिंग काम हो चुका है। ऐसी स्थिति में वह धीरे-धीरे मेंटल हेल्थ जैसी समस्याओं के शिकार होते चले जा रहे हैं, जिसका असर उन्हें कम उम्र में तो बिल्कुल समझ में नहीं आता, लेकिन समय के साथ-साथ उनकी समस्या धीरे-धीरे गंभीर होती चली जाती है। कई बार तो ऐसा होता है कि यह जानलेवा की साबित होती है। ऐसे में अगर समय रहते ध्यान ना दिया गया, तो इंसान के कार्य करने की क्षमता भी खत्म जाती है। तो चलिए हम आपको मेंटल हेल्थ जैसे एंजायटी, डिप्रेशन, स्ट्रेस जैसी गंभीर बीमारी से दूर रहने के कुछ उपाय बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…
जानें क्या है CBT?
Cognitive Behavioral Therapy (CBT) यह थेरेपी गलत सोच पैटर्न की पहचान करने और उन्हें बदलने पर फोकस करती है। इसके तहत, थेरपिस्ट मरीज की नकारात्मक धारणाओं को पहचानने में मदद करता है। यह विचारों में बदलने का प्रयास करता है। यह थेरेपी फालतू की सोच को चुनौती देकर और बदलकर भावनात्मक और व्यवहारिक समस्याओं को हल करती है। आरईबीटी के तहत, यह माना जाता है कि हमारी भावनाओं और व्यवहारों का मुख्य कारण हमारे विचार होते हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति यह मानता है कि “हर कोई मुझे पसंद करना चाहिए”, तो यह विचार तनाव और चिंता का कारण बन सकता है।
ऐसे करें बचाव
यह थेरेपी विचारों और भावनाओं से लड़ने के बजाय उन्हें स्वीकार करने में मदद करती है। एसीटी में व्यक्ति को उनके नकारात्मक विचारों और भावनाओं को स्वीकारने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति को बार-बार चिंता होती है, तो एसीटी उन्हें इस चिंता को स्वीकार करनी चाहिए।
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