Mental Health Tips: कॉल पर बात करते वक्त होती है बेचैनी, हो सकते हैं टेलीफोबिया के लक्षण

कई बार ऐसा होता है कि बातचीत के दौरान चाहे वह मैसेज के जरिए हो या फिर वॉइस कॉल के थ्रू हो, फोन कॉल से एंजायटी हो जाती है, तो उन्हें फोन पर बात करना मुश्किल काम लगता है।

Sanjucta Pandit
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Mental Health Tips : आजकल लोग अपनी दौड़ती भागती जिंदगी में इस कदर दूसरों के पीछे भागने में व्यस्त रहते हैं कि उन्हें सेल्फ केयर करने का समय नहीं मिल पाता। जिस कारण वह शारीरिक तौर पर तो बीमार पड़ते ही है, बल्कि मानसिक तौर पर भी उन्हें शांति नहीं मिल पाती है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि उनके अंदर आलसपन, चिड़चिड़ापन, आदि की समस्या होती है, जिन्हें वह बेहद आम समझते हैं लेकिन अगर समय पर इस पर ध्यान ना दिया गया, तो आगे चलकर यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसकी मुख्य वजह बदलती हुई लाइफस्टाइल है। इसके अलावा भी अन्य बहुत से कारक है, जिस कारण इंसान मेंटली डिप्रेस्ड हो जाता है और धीरे-धीरे सबसे दूर होता चला जाता है। वहीं, कई बार लोग फोन पर बात करने से घबराते हैं क्योंकि इस दौरान उन्हें बेचैनी होती है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको इस सिचुएशन से बाहर निकालने के लिए कुछ आसान से टिप्स बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप भी इस समस्या से निजात पा सकते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से…

Mental Health Tips: कॉल पर बात करते वक्त होती है बेचैनी, हो सकते हैं टेलीफोबिया के लक्षण

कई बार ऐसा होता है कि बातचीत के दौरान चाहे वह मैसेज के जरिए हो या फिर वॉइस कॉल के थ्रू हो, फोन कॉल से एंजायटी हो जाती है, तो उन्हें फोन पर बात करना मुश्किल काम लगता है। इसे फोन एंग्जायटी या टेलीफोबिया कहा जाता है। इस प्रकार की एंग्जायटी को सोशल एंग्जायटी का एक प्रकार कह सकते हैं, जोकि बेहद आम बात है। हालांकि, थोड़ा सा ध्यान देने पर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

लक्षण

  • दरअसल, जब भी हम आमने-सामने बातचीत करते तो हम बॉडी लैंग्वेज, चेहरे का आव-भाव और इशारों से अपनी बात दूसरे को आसानी से कह पाते हैं, लेकिन फोन पर इन सब चीज की कमी होती है, जिससे बात का गलत मतलब भी कई बार निकल जाता है। इस कारण मन में एक डर सा बना रहता है कि कहीं सामने वाला हमारी बात को गलत ना समझ ले।
  • फोन पर जब आपसे कोई कोई सवाल पूछता है, तो तुरंत उसका आंसर देना पड़ता है। ऐसे में थोड़ा सोच-विचार करने का भी समय नहीं मिल पाता है, जबकि मैसेज में आपको थोड़ा बहुत सोचने का भी वक्त मिलता है। इस कारण लोग काफी परेशान हो जाते हैं कि वह अपनी बात किस तरीके से सामने वाले के साथ शेयर करें कि वह उनकी बातों का गलत मतलब ना निकाले।
  • भूतकाल में बीती हुई बातें अगर आप अपने फोन पर सुनते हैं या फिर देखते हैं, जिससे आपकी पुरानी चीज तरोताजा हो जाती है तो आप एकदम से चुप हो जाते हैं। इसकी वजह फोन कॉल एंजायटी भी हो सकती है। इसलिए जो चीज आपके लिए दुखदायक होती है, जिस कारण आप मेंटली परेशान हो जाते हैं, वैसी बातों से आपको दूर हो जाना चाहिए ताकि आप वर्तमान में रहकर दुखी ना हों।

बचाव के टिप्स

  • इससे बचने के लिए आप बहुत सारे ट्रिक अपना सकते हैं। इनमें आपको पहला काम यह करना है कि कॉल करने से पहले अपनी बातों को तैयार करें कि आप सामने वाले से क्या बात करेंगे। इससे आप अपनी बातें स्पष्ट और आसानी से कह सकते हैं। इससे आपको एंजायटी का खतरा भी नहीं रहेगा।
  • फोन पर बातें करते वक्त गहरी सांस लें। इसके बाद मन को शांत करने के लिए म्यूजिक सुन सकते हैं या फिर अपना पसंदीदा कम करें। आप मेडिटेशन भी कर सकते हैं। इससे दिमाग एकाग्र होता है और कोई भी बात को ध्यान से सुनकर उसका जवाब दे सकता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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