नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारत में मंकीपॉक्स (Monkeypox) का पहला मामला सामने आ चुका है, जिससे पूरे देश में खलबली मच गई है। फिलहाल देश में कई वायरस और बीमारियाँ दस्तक देती जा रही है। जहां एक तरफ भारत कोरोना महामारी से नहीं उभर पाया है इसी बीच जिका वायरस और मंकीपॉक्स ने दस्तक दे दी है। यह वायरस केंद्र सरकार के लिए चिंता का विषय बनते जा रहा है।
जीनोमिक संरचना में वैज्ञानिकों ने मंकीपॉक्स के जीनोम को कोरोना वायरस से अधिक बड़ा पाया। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक देश में पाया गया एकलौता मामला दक्षिण अफ्रीकी वेरिएन्ट है। वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना एक आरएनए वायरस है वहीं मंकीपॉक्स एक डीएनए वायरस है, यही कारण है की इसका संक्रमण अधिक नहीं है। कोरोना से सात गुना अधिक इस वायरस की जिनोमिक संरचना है।
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देश में इतने हैं मामले
मंकीपॉक्स को लेकर फिलहाल भारत सरकार अलर्ट है और दिशा निर्देश भी जारी कर दिए है। आंध्र प्रदेश में एक बच्ची में मंकी पॉक्स के लक्षण देखे गए। जिसके सैम्पल को जांच के लिए भेजा गया। हालांकि जांच नेगीटिव पाई गई है और इसी के साथ देश में सिर्फ एक ही मंकीपॉक्स का मामला है, जो 14 जुलाई को केरल में एक यात्री में पाया गया था।
ये है सरकार का प्लान
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए भारत सरकार प्लान तैयार कर चुकी है। केरल एयरपोर्ट पर एक हेल्प डेस्क की सुविधा शुरू की गई है। मंकीपॉक्स का हेल्प डेस्क नंबर कॉल दिशा 104, 1056, 04712552056 है। यदि किसी को भी वायरस के लक्षण दिखें तो इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं। वहीं जो भी व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित देश से आता है और उसमें वायरस के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत केरल एयरपोर्ट के हेल्प डेस्क पर इस बात की जानकारी दें। साथ ही मेडिकल स्टाफ को स्पेसल ट्रेनिंग दी जाएगी।