Mosquito Borne Diseases : आज विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाता है। मच्छरों के काटने से सिर्फ मलेरिया ही नहीं, कई और गंभीर बीमारियां हो सकती हैं जिनमें डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस और येलो फीवर शामिल हैं। मच्छरों का मानव स्वास्थ्य पर इतना गहरा असर होता है कि WHO उन्हें सबसे खतरनाक जीवों में से एक मानता है।
कान के पास भिनभनाते मच्छर हमेशा हमारी परेशानी का कारण बनते हैं। ये छोटे से जीव कई लोगों की रातभर की नींद उड़ा देते हैं। लेकिन इसके अलावा ये मच्छर गंभीर और जानलेवा बीमारियों के वाहक भी होते हैं। जब मच्छर हमें काटते हैं तो सिर्फ टीस और खुजली ही नहीं होती..बल्कि इससे होने वाली बीमारियों की आशंका भी जाती है..जो हमारे स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं।

क्यों है मच्छर सबसे खतरनाक जीवों में शामिल
WHO के मुताबिक, मच्छरों की वजह से हर साल करोड़ों लोग बीमार पड़ते हैं और लाखों की मौत हो जाती है। खासकर बच्चे, गर्भवती महिलाएँ और गरीब देशों के लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं।मच्छरों का मानव स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है जिसकी वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन उन्हें सबसे खतरनाक जीवों में से एक मानता है। मच्छर छोटे होते हैं, लेकिन ये तेजी से बढ़ते हैं और गंदे पानी में पनपते हैं। ये रात-दिन काट सकते हैं और एक मच्छर कई लोगों को बीमार कर सकता है। यही वजह है कि इन्हें सबसे खतरनाक जीवों की श्रेणी में रखा गया है।
मच्छरों से होने वाली प्रमुख बीमारियां
मलेरिया : एनोफिलीज मच्छरों के काटने से फैलने वाली यह बीमारी प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होती है। बुखार, ठंड लगना और सिरदर्द इसके आम लक्षण हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2023 में मलेरिया से लगभग 6 लाख लोगों की मृत्यु हुई थी।
डेंगू : एडीज मच्छरों से फैलने वाला डेंगू वायरस तेज बुखार, जोड़ों में दर्द और त्वचा पर चकत्ते का कारण बनता है। गंभीर मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है।
चिकनगुनिया : यह भी एडीज मच्छरों से फैलता है और जोड़ों में तेज दर्द का कारण बनता है, जो महीनों तक रह सकता है जिससे मरीज की जीवनशैली पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
जीका वायरस : ज़िका वायरस Aedes aegypti और Aedes albopictus मच्छरों से फैलता है। इसका सबसे खतरनाक असर गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है। जब गर्भवती महिलाएँ इस वायरस से संक्रमित होती हैं तो यह वायरस भ्रूण पर गंभीर असर डाल सकता है।
येलो फीवर : येलो फीवर एक Flavivirus परिवार का हिस्सा है और यह वायरस Aedes मच्छरों द्वारा मनुष्यों में फैलता है। मच्छर संक्रमित व्यक्ति से वायरस को लेकर अन्य स्वस्थ व्यक्तियों को काटता है और संक्रमण फैलता है।
रोकथाम और बचाव के उपाय
मच्छरदानी और रिपेलेंट्स का उपयोग: सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें और त्वचा पर मच्छर भगाने वाले क्रीम या स्प्रे लगाएं।
जमा पानी से बचाव: घर के आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि यह मच्छरों के प्रजनन का मुख्य स्थान होता है।
पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें: विशेषकर शाम के समय शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
टीकाकरण: जहां उपलब्ध हो, जैसे येलो फीवर के लिए।
स्वास्थ्य जांच: यदि मच्छरों से होने वाली किसी भी बीमारी के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।