Wed, Dec 31, 2025

अब डेंगू मच्छरों का मुकाबला करेंगे ‘अच्छे मच्छर’, इस तरह होगा बीमारी का अंत

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
अब डेंगू मच्छरों का मुकाबला करेंगे ‘अच्छे मच्छर’, इस तरह होगा बीमारी का अंत

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना के कहर के बीच देश में कई स्थानों पर डेंगू ने भी अपने पैर पसार लिये हैं। मध्यप्रदेश में भी डेंगू का काफी प्रकोप रहा। इस बीच एक अच्छी खबर आ रही है इंडोनेशिया से, जहां शोधकर्ताओं ने लैब में एक मच्छर विकसित किया है जो डेंगू फैलाने वाले मच्छरों का अंत कर देगा।

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शोधकर्ता इसे ‘अच्छा मच्छर’ (good mosquitoes) कह रहे हैं, जिसके काटने से लोगों को डेंगू नहीं होगा। दरअसल, मेडिकल साइंस में डेंगू का कोई कारगर इलाज नहीं है। ये एक ऐसी बीमारी मानी जाती है जिससे मानव शरीर खुद लड़ता है और खुद ठीक करता है। लेकिन अब इससे लड़ने के लिए शोधकर्ताओं ने मच्छरों की दूसरी प्रजाति को पालने का तरीका इजाद किया है। उनके मुताबिक इन मच्छरों के अंदर एक तरह का बैक्टीरिया होता है जो डेंगू वायरस से लड़ सकता है।

वर्ल्ड मॉसक्विटो प्रोग्राम (WMP) के तहत हुए अध्ययन में पता चला कि डेंगू फैलाने वाले एडीज एजिप्टी मच्छरों में यह बैक्टीरिया नहीं पाया जाता। इसीी थ्योरी को ध्यान में रखकर 2017 से शोध किया जा रहा था। ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी और इंडोनेशिया की गादजाह मादा यूनिवर्सिटी ने संयुक्त रूप से शोध किया है। शोध में वोल्बाचिया नामक एक बैक्टीरिया के बारे पता चला जो कीड़े-मकोड़ों की 60 से अधिक प्रजातियों में पाया जाता है। इनमें कुछ खास तरह के मच्छर, फल, मक्खियां, कीट-पतंगे आदि शामिल हैं। कहा जा रहा है कि ये तकनीक डेंगू से गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों में बहुत असरकारक साबित होगी।

डब्ल्यूएमपी की सदस्य पुरवंती ने कहा कि विकसित किए गए मच्छर इस मायने में ‘अच्छा मच्छर’ है कि यह डेंगू वायरस को फैलने नहीं देगा। डेंगू वाहक एडीज एजिप्टी मच्छर जब इन ‘अच्छे मच्छर’ से मिलकर प्रजनन करेंगे तो उनसे उत्पन्न नए मच्छर भी वोलबाचिया बैक्टीरिया से लैस होंगे यानी ‘अच्छे मच्छर’ होंगे। अगर ये मच्छर किसी व्यक्ति को काटते हैं को डेंगू नहीं फैलेगा और वहीं दूसरी तरफ डेंगू फैलाने वाले मच्छर जीव चक्र पूरा करके कुछ दिनों में अपने आप नष्ट हो जाएंगे। इस तरह ये अच्छे मच्छर डेंगू फैलाने वाले मच्छरों का अंत करेंगे। शोध में जब इन अच्छे मच्छरों को डेंगू प्रभावित क्षेत्र में छोड़ा गया तो मरीज करीब 77 फीसदी तक कम हो गए। इसके बाद अब शोधकर्ताओं को इन अच्छे मच्छरों से काफी उम्मीद है कि वो डेंगू का खात्मा करने में मदद करेंगे।