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Mon, Dec 22, 2025

मरीज के एक्स-रे ने उड़ाए डॉक्टरों के होश, लगा मानो शरीर के अंदर हुई हो आलोवृष्टि! जानिए क्या है इसका मांस खाने से संबंध

Written by:Rishabh Namdev
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अक्सर हम जब एक्स-रे करने जाते हैं तो शरीर की कई बीमारियां सामने आती हैं। वहीं, एक मरीज के एक्स-रे को देखकर डॉक्टर भी हैरत में पड़ गए। दरअसल, इस मरीज के शरीर में ओलावृष्टि जैसी छवि देखने को मिली है। इसका कारण मांस खाना बताया जा रहा है। इस खबर में जानिए, आखिर इस मरीज के साथ क्या हुआ।
मरीज के एक्स-रे ने उड़ाए डॉक्टरों के होश, लगा मानो शरीर के अंदर हुई हो आलोवृष्टि! जानिए क्या है इसका मांस खाने से संबंध

एक मरीज के एक्स-रे को देखकर डॉक्टर के होश उड़ गए। दरअसल, मरीज के शरीर के अंदर टेपवर्म का लार्वा दिखाई दिया। डॉक्टर का कहना है कि यह सिस्टिसर्कोसिस बीमारी है, जो सूअर का मांस खाने या फिर गंदगी के कारण होती है। वहीं, इस मरीज का एक्स-रे सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस बीमारी के बारे में डॉक्टर सैम घाली ने बताया कि इसे सिस्टिसर्कोसिस कहा जाता है।

दरअसल, एक्स-रे में अजीब सी छवि देखने को मिली है। इस सिर में ओलावृष्टि जैसी अनगिनत आयातकार छवियां देखने को मिली हैं, जिसे देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए। डॉक्टर का कहना है कि यह बीमारी टेपवर्म टेनिया सोलियम के लार्वा सिस्ट की मौजूदगी से होती है।

क्या है इस बीमारी का कारण?

दरअसल, डॉक्टर घाली ने बताया कि यह बीमारी परजीवी लार्वा सिस्ट से संक्रमित कच्चे या अधपके सूअर के मांस को खाने से मनुष्य में होती है। इसका असर मानव की आंख, हाथ आदि पर धीरे-धीरे देखने को मिलता है। डॉक्टर घाली के मुताबिक सिस्टिसर्कोसिस लार्वा हमारे शरीर के नरम ऊतकों में प्रवेश कर जाता है और वहां सिस्ट बनाना शुरू कर देता है। इस बीमारी का जीवन चक्र कच्चे या अधपके सूअर का मांस खाने से शुरू होता है, और यह व्यक्ति में धीरे-धीरे पाचन तंत्र के माध्यम से संक्रमण फैलाना शुरू कर देता है।

क्या यह बीमारी फ़ैल सकती है?

डॉक्टर घाली के मुताबिक यह बीमारी फैल भी सकती है। उनका कहना है कि जब कोई संक्रमित व्यक्ति अपने मल के जरिए टेपवर्म के अंडे दूसरे को देता है, तो संक्रमण फैल सकता है। ऐसा तब होता है जब लोग बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद दूषित पानी के जरिए अपने हाथ ठीक से नहीं धोते हैं। डॉक्टर का कहना है कि अगर सूअर के मांस को ठीक से नहीं पकाया जाए, तो यह संक्रमण का कारण बन सकता है। यह मांसपेशियों, त्वचा और मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचा सकता है।