Benefits of Vitamin D : विटामिन डी को सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है, ये वैसे तो हर किसी आयुवर्ग के व्यक्ति के लिए बहुत उपयोगी और आवश्यक है लेकिन बच्चों के लिए ये बेहद खास है, आज के इस दौर में बच्चों को खाने की चीजों को लेकर बहुत नखरे करते देखा जा रहा है ऐसे में उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सबसे जरुरी हो जाता है विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा का होना, क्योंकि विटामिन डी बच्चों के सम्पूर्ण विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है…आइये जानते हैं इसका महत्व और इसके स्रोत के बारे में …
बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए एक बैलेंस डाइट का होना बहुत जरूरी है, ये उनकी स्ट्रेंथ बढ़ाती है, इम्युनिटी बढ़ाती है, लेकिन कई बार बैलेंस डाइट के चक्कर में बच्चों के लिए महत्वपूर्ण विटामिन डी की पूर्ति प्रचुर मात्रा में नहीं हो पाती जो बहुत आवश्यक है इसलिए माता पिता को इसके लिए बहुत ध्यान रखने की जरूरत है।
ये है Vitamin D का महत्व
विटामिन डी सनशाइन विटामिन भी कहलाता है यानि जिसके शरीर में इसकी सही मात्रा होती है वो सूर्य की तरह ही शाइन करता रहेगा, बच्चों की बढ़ती उम्र के साथ उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उनके शरीर में विटामिन डी की सही मात्रा पहुंचना बहुत जरूरी है, ये बच्चों की हड्डियाँ मजबूत करता है और एक हार्मोन के रूप में भी शरीर की विभिन्न क्रियाओं को प्रभावित करता है।
कैल्शियम और फॉस्फेट को बढ़ाने में करता है मदद
विटामिन डी हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी कैल्शियम और फॉस्फेट को शरीर में बढ़ाने में सहायक होता है, जिससे शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है और बच्चों की सही उम्र पर सही ग्रोथ होती है, रोज विटामिन डी की सही मात्रा का सेवन हमारी मासपेशियों को और शरीर के ढांचे को मजबूती देता है।
ये लक्षण बताते हैं विटामिन डी की कमी हो रही है
शरीर में विटामिन डी की कमी होती है तो उसके कई लक्ष्ण भी दिखाई देने लगते हैं, जैस यदि बच्चे को लगातार थकान महसूस होती है, उसके जॉइंट्स में दर्द होता है, उसके चोट के घाव ठीक होने में समय लगता है, उसके बाल पतले होकर टूटने लगते हैं तो समझिये के उसके शरीर में Vitamin D की कमी हो रही है, इस कमी को समय रहते दूर नहीं किया गया तो ये बच्चों के विकास की गति को प्रभावित करती है।
Vitamin D के प्रमुख स्रोत
सूर्य की रोशनी : विटामिन डी का सबसे महत्वपूर्ण और प्राकृतिक स्रोत है सूर्य की रोशनी, हम जैसे ही सूर्य के सम्पर्क में आते हैं हमारी त्वचा विटामिन डी का उत्पादन करना शुरू कर देती है, इसलिए ये जरुरी है कि रोज 15 से 20 मिनट धूप में जरूर बैठें, याद कीजिये हमारे यहाँ पुराने समय से बच्चों से लेकर बड़ों तक की धूप में मालिश का प्रचलन है, दादी माँ बच्चों की तेल मालिश धूप में किया करती थी जिससे हड्डियाँ मजबूत रहती थी ।
सही खान पान : विटामिन डी प्राप्त करने के लिए मछली का सेवन भी बहुत लाभदायक है, मछली को डाइट में शामिल करने से जरूरत के मुताबिक विटामिन डी मिल जाता है, फोर्टीफाइड दूध में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिलता है जो हड्डियों को मजबूती देता है और इम्युनिटी बढ़ाता है।
दही, मक्खन, पनीर और चीज के फायदे : दही और मक्खन भी विटामिन डी का एक अच्छा सोर्स है, , पनीर और चीज में भी विटामिन डी की भरपूर मात्रा होती है ये बच्चों को पसंद भी होती है इसलिए इसको बच्चों की डाइट में शामिल किया जा सकता है।
Disclaimer : इस आलेख में दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है, किसी भी तरह के पदार्थ का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक या फिर विशेषज्ञ की राय अवश्य ले लें..