भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। इन दिनों मोटापा या बढ़ता वजन (obesity) एक बड़ी समस्या है। अनियंत्रित खानपान और अव्यवस्थित जीवनचर्या के कारण अधिकांश लोगों में मोटापे की समस्या हो रही है। ऐसे में कई लोग एक्सरसाइज, योगा, रनिंग, वॉकिंग की ओर मुड़ते हैं तो कई लोग डाइटिंग भी शुरू करते हैं। डाइट और एक्सरसाइज एक साथ की जाए तो ये ज्यादा कारगर साबित होता है।
डाइटिंग भी कई तरह की होती है। लेकिन किसी भी डाइट पर जाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। इन दिनों वाटर फास्टिंग (water fasting) का चलन भी बढ़ गया है। वॉटर फास्टिंग एक तरह का उपवास है जिसमें आपको पानी के अतिरिक्त किसी अन्य खाद्य या पेय पदार्थ का सेवन नहीं करना होता है। वॉटर फास्टिंग के दौरान पानी को छोड़कर सभी चीजों को त्याग दिया जाता है। ये सलाह दी जाती है कि वॉटर फास्टिंग 24 से 72 घंटे तक ही की जाए। खाद्य पदार्थों से दूरी और अधिक मात्रा में पानी पीने के पानी में मौजूद हाइड्रेशन कॉम्पोनेंट वजन को तेजी से कम करने में कारगार होता हैं। कई रिसर्च से पता चला है कि वॉटर फास्टिंग से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही ये ब्लड शुगर को कम करने में भी सहायक है।
हालांकि कई डॉक्टर्स वॉटर फास्टिंग के पक्ष में नहीं हैं। कई हेल्थ एक्सपर्ट्स भी वॉटर फास्टिंग का सपोर्ट नहीं करते हैं क्योंकि इसके कारण क्रॉनिक किडनी रोग, इटिंग डिसऑर्डर, डायबिटीज, सीने में जलन जैसी कई परेशानियां होने का खतरा बढ़ता है। इसलिए अगर आप ये शुरू करने का मन बना रहे हैं तो एक बार अपनी पूरी जांच करवा लें और डॉक्टर से परामर्श भी ले लें।