Mon, Dec 29, 2025

3 से 8 साल के बच्चों में बढ़ा व्हाइट लंग सिंड्रोम का खतरा, जानें इसके लक्षण व बचाव

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
3 से 8 साल के बच्चों में बढ़ा व्हाइट लंग सिंड्रोम का खतरा, जानें इसके लक्षण व बचाव

White Lung Syndrome : साल 2019 में कोरोना ने पूरे विश्व में हाहाकार मचा दिया था। इस बीमारी ने करोड़ों इंसान को अपनी चपेट में लिया। इसके कारण सभी देशों की अर्थव्यवस्था को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ था। उस भयानक समय को कोई भूल नहीं सकता। यह एक ऐसा समय था जब लोगों को एक-दूसरे से मिलने से भी डर लगने लगा था लेकिन धीरे-धीरे इस बीमारी का इलाज निकाला गया। लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क आदि पहनने लगे। वहीं, इसके बाद एक बार फिर चीन में एक नई बीमारी तेजी से फैल रही है जो कि तीन से आठ साल की उम्र के बच्चों को अपना शिकार बना रही है। जिससे व्हाइट लंग सिंड्रोम नाम दिया गया है।

रहस्यमय निमोनिया

इस बीमारी को रहस्यमय निमोनिया भी कहा जा रहा है जो कि एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन है। यह ज्यादातर तीन से आठ साल के बच्चों को अपना शिकार बना रही है। फिलहाल, इसके फैलने का कारण अब तक पता नहीं चल पाया है लेकिन चीनी मीडिया सूत्रों के मुताबिक इस बीमारी को मिस्टीरियस निमोनिया बता रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसे वॉकिंग निमोनिया भी कह रहे हैं।

भारत सरकार ने किया अलर्ट

बता दें कि यह बीमारी चीन के अलावा नीदरलैंड, अमेरिका और डेनमार्क में भी तेजी से फैल रही है। जिसे लेकर भारत सरकार ने भी कई राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया है। जिनमें राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखंड, हरियाणा और तमिलनाडु शामिल है। वहीं, राज्य सरकारों ने भी इस बीमारी को गंभीरता से लेते हुए एडवाइजरी जारी की है। साथ ही मास्क का प्रयोग करने की भी अपील की गई है। आइए जानते हैं… क्या है व्हाइट लंग्स सिंड्रोम और इसके लक्षण…

लक्षण

  • बुखार
  • खांसी
  • सांस नली में सूजन
  • फेफड़ों में सूजन
  • गले में दर्द के साथ खराश

बचाव

  • हाथों को साफ रखें
  • समय पर वैक्सीनेशन करवाएं
  • बीमार व्यक्ति से दूर रहें
  • बीमार होने पर आइसोलेट हो जाएं
  • समय पर जरूरी टेस्ट करवाएं और मेडिकल हेल्प लें

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)