Winter Eye Care: सर्दियों के मौसम में अक्सर त्वचा और सेहत से जुड़ी कई समस्या होने लगती है। त्वचा का रूखापन, होठों का फटना, एड़ी का फटना, जोड़ों में दर्द होना आदि समस्याएं इस मौसम में आम है। इन सभी समस्याओं में सबसे ज्यादा टेंशन तब होने लगती है, जब ठंडी-ठंडी हवाओं की वजह से आंखों की नमी चली जाती है, आंखें रूखी-सुखी हो जाती है। इससे आंखों में खुजली, जलन यहां तक की तेज दर्द होने की भी संभावनाएं होती हैं। हमारे पूरे शरीर में आंखें सबसे ज्यादा संवेदनशील अंग होती हैं। जिनका ख्याल हमें हर बदलते मौसम में अच्छे से रखना चाहिए। आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि किन घरेलू उपाय को अपनाकर सर्दियों के मौसम में आंखों का ख्याल रखा जा सकता है, तो चलिए जानते हैं।
सर्दियों के मौसम में आंखों का कैसे रखें ख्याल ?
शरीर को हाइड्रेटेड रखें
अक्सर सर्दियों के मौसम में लोग कम पानी पीते हैं क्योंकि उन्हें लगता है की मौसम ठंडा ठंडा है जिस वजह से शरीर को पानी की जरूरत नहीं है। लेकिन यह बिल्कुल गलत है मौसम चाहे कैसा भी क्यों ना हो शरीर को हमेशा नियमित मात्रा में पानी की जरूरत लगती है। इसलिए सर्दियों के मौसम में खूब पीना चाहिए। कम पानी पीने की वजह से बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है जिससे आंखों में ड्राइनेस की समस्या पैदा हो जाती है।
साधारण पानी का करें इस्तेमाल
सर्दियों के मौसम में ठंड लगने की वजह से लोग अपने चेहरे पर बहुत कम पानी लगाते हैं। आंखों में नमी बनाए रखने के लिए दिनभर में कम से कम 3 से 4 बार आंखों को जरूर नॉर्मल पानी से धोना चाहिए। ऐसा करने से आंखों में नमी बनी रहती है साथ ही साथ आंखें साफ हो जाती है।
ऐलोवेरा जेल लगाएं
सर्दियों के मौसम में आंखों की नमी को बनाए रखने के लिए सुबह-सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले आंखों के आसपास एलोवेरा जेल जरूर लगाए। ऐसा करने से आंखों की नमी बनी रहती है, और आंखों के आसपास की स्किन ड्राई नहीं होती है।
चश्मा लगाकर रखें
सर्दियों के मौसम में आंखों को ठंडी ठंडी हवाओं से बचाने के लिए चश्मा जरूर पहनना चाहिए। सर्दियों के मौसम में कहीं भी बाहर जाते समय चश्मा पहन कर ही बाहर निकलना चाहिए। चश्मा पहनने से आंख सीधे हवा के संपर्क में आने से बचती है।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।