World Purple Day: हर साल 26 मार्च को ‘पर्पल डे’ (Purple Day) मनाया जाता है, जो मिर्गी रोगियों के लिए जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन विशेष आयोजनों और कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को मिर्गी के लक्षण, इलाज और उपचार के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
क्या होती है ‘मिर्गी’ की बीमारी?
दरअसल एक्सपर्ट्स की मानें तो मिर्गी, या एपिलेप्सी, एक न्यूरोलॉजिकल रोग होता है दरअसल इसमें व्यक्ति को बार-बार गंभीर दौरे पड़ सकते हैं। जानकारी के अनुसार इसकी वजह से रोगी के मस्तिष्क की गतिविधियां बिगड़ जाती हैं, जिससे उस व्यक्ति को कई तरह के लक्षणों का सामना करना पड़ता है। दरअसल इस रोग में रोगी को छोटे से लेकर बड़े दौरों का सामना करना पड़ सकता है, कई बार यह दौरे अत्यधिक गंभीर हो सकते है। जो उनके दैनिक जीवन को भी प्रभावित कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार एपिलेप्सी के दौरान, रोगी का व्यवहार भी असामान्य हो सकता है और वह बेहोश भी हो जाता है। बस इसे ही आम भाषा में हम “मिर्गी” कहते है।
क्या है इसके मुख्य कारण?
मिर्गी के होने के कई कारण हो सकते हैं। पहला कारण हो सकता है आनुवांशिक वजह, यानी जिसमें रोग का आगमन परिवार में पहले से होता है। वहीं दूसरा कारण हो सकता है की सिर पर गंभीर चोट लगी हो, जो मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है। तीसरा कारण हो सकता है ब्रेन ट्यूमर या सिस्ट की समस्या, जो किसी व्यक्ति के मस्तिष्क में गड़बड़ी का कारण बन सकती है। चौथा कारण हो सकता है अल्जाइमर रोग, जो मस्तिष्कीय क्षमता को प्रभावित कर सकता है और इससे मिर्गी का खतरा बढ़ जाता है। अंतिम कारण के रूप में एड्स का जिक्र किया जा सकता है, क्योंकि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क की सेहत पर असर पड़ सकता है और मिर्गी के दौरों का आगमन हो सकता है।
क्या है इसके लक्षण?
मिर्गी के लक्षण व्यक्ति के व्यवहार में असामान्यता और समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इस रोग के मामूली से लक्षणों में शामिल हैं अचानक से खड़े-खड़े गिर जाना और कुछ समय के लिए कुछ भी याद न रहना। इसके अतिरिक्त, चेहरे, गर्दन और हाथ की मांसपेशियों में बार-बार झटके महसूस हो सकते हैं। मिर्गी के दौरान व्यक्ति को अचानक गुस्सा, कंफ्यूजन, डर और एंग्जाइटी की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, चक्कर आने की समस्या और लगातार ताली बजाना या हाथ रगड़ना भी मिर्गी के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं।
क्या है मिर्गी का इलाज?
दरअसल हेल्थ विशेषज्ञों के मुताबिक मिर्गी का कोई त्वरित इलाज नहीं होता है, मगर इसे मैडिटेशन, सर्जरी और अलटरनेटिव ट्रीटमेंट की मदद से मैनेज किया जा सकता है। हालांकि आपको बता दें कि भारत में कई संगठन हैं जो मिर्गी के लिए जागरूकता और काम कर रहे हैं।